विधानसभा चुनाव से पहले विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान में आई तेजी, एक करोड़ से अधिक मतगणना प्रपत्र वितरित

बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। इस बीच मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) कार्यालय द्वारा चलाया जा रहा विशेष सघन मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान अब रफ्तार पकड़ चुका है। अधिकारियों के अनुसार, अब तक एक करोड़ से अधिक मतदाताओं के बीच मतगणना प्रपत्र (फॉर्म-6, 7, 8 आदि) वितरित किए जा चुके हैं।
हर मतदाता की भागीदारी पर जोर
चुनाव आयोग का उद्देश्य यह है कि हर योग्य नागरिक का नाम मतदाता सूची में शामिल हो और मृत अथवा स्थानांतरित लोगों के नाम हटाकर सूची को अद्यतन और त्रुटिरहित बनाया जाए। इस प्रक्रिया के तहत घर-घर जाकर बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) मतदाता सत्यापन कर रहे हैं और आवश्यक फॉर्म भरवा रहे हैं।
अभियान की प्रमुख बातें
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अब तक 1 करोड़+ फॉर्म वितरित किए गए हैं।
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30 जून से 15 जुलाई तक चलने वाले इस अभियान में नए मतदाताओं का नाम जोड़ा जा रहा है।
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18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके युवा प्राथमिकता में हैं।
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मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाने की प्रक्रिया भी जारी है।
डिजिटल माध्यम भी उपयोग में
इस बार निर्वाचन आयोग ने डिजिटल पहल के तहत NVSP पोर्टल, वोटर हेल्पलाइन ऐप, और सीवीआईजीआईएल ऐप को सक्रिय रूप से प्रचारित किया है। मतदाता इन माध्यमों से भी आवेदन और शिकायतें दर्ज कर सकते हैं।
निर्वाचन कार्यालय की अपील
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय ने मतदाताओं से अपील की है कि वे अभियान में भाग लें और सुनिश्चित करें कि उनका नाम मतदाता सूची में सही दर्ज है। साथ ही जिन लोगों का नाम अभी तक सूची में शामिल नहीं है, वे समय रहते आवेदन कर दें।
सियासी दृष्टिकोण से अहम
विशेष पुनरीक्षण अभियान को लेकर सियासी हलकों में भी हलचल है। विपक्ष ने पहले इसे लेकर आशंका जताई थी कि कहीं विशेष समुदायों को निशाना बनाकर नाम न हटाए जाएं। हालांकि निर्वाचन आयोग ने पूरी पारदर्शिता का भरोसा दिलाते हुए कहा है कि हर नागरिक को मताधिकार देना आयोग की सर्वोच्च प्राथमिकता है।