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मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण चुनाव आयोग के आदेशानुसार जारी, अफवाहों पर निर्वाचन कार्यालय की सफाई

मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण चुनाव आयोग के आदेशानुसार जारी, अफवाहों पर निर्वाचन कार्यालय की सफाई

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) जोरों पर है। इसके प्रारूप में बदलाव को लेकर सोशल मीडिया पर उठ रहे सवालों के बीच चुनाव आयोग (ईसीआई) और बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया 24 जून 2025 के चुनाव आयोग के आदेश के अनुसार चल रही है और इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। चुनाव आयोग ने रविवार को अपने बयान में स्पष्ट किया था कि 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित होने वाली मतदाता सूची के मसौदे में उन सभी मौजूदा मतदाताओं के नाम शामिल होंगे, जिनके नामांकन फॉर्म प्राप्त हो चुके हैं।

सोशल मीडिया पर बदलावों की चर्चा, सीईओ ने दी सफाई

हाल ही में सोशल मीडिया पर दावा किया गया था कि आयोग ने बिहार में चल रहे विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम में कुछ बदलाव किए हैं। इन दावों के पीछे की वजह एक अखबार में प्रकाशित चुनाव आयोग के विज्ञापन को बताया जा रहा था, जिसमें कहा गया था कि जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं, वे ही नामांकन फॉर्म जमा कर सकते हैं। विज्ञापन

विज्ञापन से यह धारणा बनी कि आयोग ने पुनरीक्षण के लिए जरूरी दस्तावेजों की अनिवार्यता से पीछे हटकर प्रक्रिया में ढील दी है। हालांकि, बिहार के सीईओ ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) और फेसबुक पर पोस्ट कर इन अफवाहों का खंडन किया। उन्होंने लिखा कि बिहार में महत्वपूर्ण सूचना- 24 जून 2025 को चुनाव आयोग के आदेशानुसार विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) चल रहा है। 1 अगस्त को जारी होने वाली ड्राफ्ट मतदाता सूची में केवल उन्हीं मतदाताओं के नाम शामिल होंगे, जिनके नामांकन पत्र प्राप्त हो चुके हैं।

दस्तावेजों के लिए समय, प्रक्रिया में पारदर्शिता का दावा
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि मौजूदा मतदाताओं को दस्तावेज जमा करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा, भले ही उन्होंने शुरू में केवल नामांकन पत्र ही क्यों न भरा हो। उन्होंने दोहराया कि प्रक्रिया पूरी तरह से चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार और पारदर्शिता के साथ की जा रही है। उन्होंने बताया कि हर स्तर पर मतदाताओं की मदद के लिए व्यवस्था की जा रही है और दस्तावेजों के संग्रह और सत्यापन के लिए कोई जल्दबाजी नहीं की जा रही है।

विपक्षी दलों ने 9 जुलाई को बिहार बंद की तैयारियों पर उठाए सवाल
यह पूरा मामला ऐसे समय में चर्चा में आया है, जब बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। विपक्षी गठबंधन इंडिया ने मतदाता सूची में संशोधन के इस विशेष अभियान पर गंभीर सवाल उठाए हैं। गठबंधन के नेताओं का कहना है कि यह प्रक्रिया नागरिकता परीक्षण की तरह हो गई है, जिससे लोगों को बेवजह डराया जा सकता है और मतदाता सूची से नाम हटाया जा सकता है।

साथ ही इंडिया गठबंधन ने घोषणा की है कि वे 9 जुलाई को बिहार बंद के दौरान इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएंगे। वामपंथी मजदूर संघों द्वारा आहूत देशव्यापी हड़ताल में भी इस मुद्दे को शामिल किया जाएगा।

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