बिहार में मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण अभियान तेज, 7.89 करोड़ में से 60% को नहीं दिखाने होंगे दस्तावेज

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी के तहत मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान को लेकर व्यापक कार्यवाही की जा रही है। इस अभियान में राज्य के कुल 7.89 करोड़ नागरिकों को शामिल किया गया है, जिनमें से एक बड़ी संख्या – लगभग 4.96 करोड़ मतदाताओं को किसी दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी।
कौन हैं ये 60% लोग?
मतदान प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि ये वे लोग हैं:
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जिनका नाम 2003 की विशेष मतदाता सूची में दर्ज था।
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जिनके विवरणों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
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जिनका नाम वर्तमान अपडेटेड सूची में भी है।
इन मतदाताओं को केवल यह दिखाना होगा कि उनका नाम नवीनतम सूची में मौजूद है। इससे दस्तावेजी औपचारिकताओं में राहत मिलेगी और समय की बचत होगी।
बाकी लोगों के लिए आवश्यक दस्तावेज
बचे हुए 40% मतदाताओं को कुछ दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे, जैसे कि:
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आधार कार्ड,
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नवीनतम निवास प्रमाण पत्र,
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जन्म तिथि प्रमाण,
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या कोई अन्य सरकारी मान्यता प्राप्त पहचान पत्र।
यह प्रक्रिया नए मतदाताओं के नाम जोड़ने, पुराने नामों में सुधार और मृत या स्थानांतरित हो चुके मतदाताओं के नाम हटाने के लिए की जा रही है।
चुनाव आयोग की तैयारी
राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अनुसार:
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घर-घर जाकर फॉर्म 6, 7 और 8 का वितरण किया जा रहा है।
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डिजिटल माध्यम से भी आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं।
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बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) को सूची अद्यतन के निर्देश दिए गए हैं।
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इस बार दुर्घटनाओं और गड़बड़ियों को रोकने के लिए तकनीकी निगरानी को मजबूत किया गया है।