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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण शुरू, जानिए BLO कौन से दस्तावेज कर रहे हैं स्वीकार

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण शुरू, जानिए BLO कौन से दस्तावेज कर रहे हैं स्वीकार

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। चुनाव आयोग द्वारा चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाने के लिए मतदाता सूची (वोटर लिस्ट) का विशेष गहन पुनरीक्षण शुरू कर दिया गया है। यह प्रक्रिया राज्यभर के सभी मतदान केंद्रों पर बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) की निगरानी में की जा रही है।

हालांकि इस बार मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर दस्तावेजों की जांच और सत्यापन प्रक्रिया में कुछ बदलाव किए गए हैं, जिससे आम नागरिकों के बीच भ्रम की स्थिति बन गई है।

कौन से दस्तावेज नहीं हो रहे स्वीकार?

सूत्रों के अनुसार इस बार कई बूथ लेवल ऑफिसरों द्वारा आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी और मनरेगा कार्ड जैसे पहचान पत्रों को स्वीकार नहीं किया जा रहा है। इसकी वजह यह बताई जा रही है कि ये दस्तावेज सिर्फ पहचान साबित करते हैं, जबकि मतदाता सूची में नाम जुड़वाने या संशोधन के लिए नागरिकता, उम्र और निवास स्थान का स्पष्ट प्रमाण देना जरूरी है।

वोटर लिस्ट के लिए जरूरी दस्तावेज

BLO की ओर से मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान जिन दस्तावेजों को स्वीकार किया जा रहा है, वे हैं:

  1. जन्म प्रमाण पत्र – उम्र साबित करने के लिए

  2. पासपोर्ट या 10वीं की मार्कशीट – उम्र और नाम की पुष्टि

  3. बिजली बिल / पानी का बिल / टेलीफोन बिल (हालिया) – निवास प्रमाण के लिए

  4. राशन कार्ड

  5. बैंक / पोस्ट ऑफिस की पासबुक

  6. पैन कार्ड (केवल पहचान के लिए)

  7. निवास प्रमाण पत्र (राज्य सरकार द्वारा जारी)

  8. शपथ पत्र या हलफनामा (अगर अन्य दस्तावेज नहीं हैं)

क्यों जरूरी है दस्तावेजों की सटीकता?

चुनाव आयोग इस बार 'एक मतदाता, एक पहचान' अभियान को सफल बनाना चाहता है। इससे फर्जी वोटिंग और एक से ज्यादा जगहों पर नाम दर्ज होने जैसी समस्याओं को खत्म किया जा सकेगा। इसीलिए दस्तावेजों की सटीकता और वैधता पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है।

विपक्ष का उठता विरोध

इस प्रक्रिया को लेकर विपक्षी दलों ने भी चुनाव आयोग से सवाल किए हैं। उनका कहना है कि अगर आधार, वोटर ID और मनरेगा कार्ड को खारिज किया जा रहा है, तो लाखों गरीब और ग्रामीण मतदाता सूची से बाहर हो सकते हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे को लेकर 9 जुलाई को महागठबंधन द्वारा बिहार बंद की भी घोषणा की है।

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