Samachar Nama
×

सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में माता जानकी मंदिर का होगा भव्य निर्माण, 882 करोड़ की परियोजना को मिली मंजूरी

सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में माता जानकी मंदिर का होगा भव्य निर्माण, 882 करोड़ की परियोजना को मिली मंजूरी

बिहार सरकार ने सीतामढ़ी स्थित ऐतिहासिक पुनौरा धाम में माता जानकी मंदिर के भव्य निर्माण के लिए 882.87 करोड़ रुपये की विशाल योजना को मंजूरी दे दी है। यह निर्माण कार्य तीन चरणों में पूरा किया जाएगा, जिसमें मंदिर का उन्नयन, पर्यटन ढांचे का विकास और दीर्घकालीन रख-रखाव शामिल हैं। यह परियोजना न सिर्फ धार्मिक आस्था से जुड़ी है, बल्कि क्षेत्र के पर्यटन और आर्थिक विकास को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में अहम मानी जा रही है।

तीन चरणों में होगा निर्माण कार्य

सरकार द्वारा जारी की गई योजना के अनुसार, निर्माण कार्य को तीन अलग-अलग चरणों में पूरा किया जाएगा:

  1. मंदिर का उन्नयन कार्य – 137.34 करोड़ रुपये
    पुनौरा धाम स्थित पुराने माता जानकी मंदिर का संरक्षण, पुनर्निर्माण और सौंदर्यीकरण किया जाएगा। इसमें मंदिर की संरचना, शिखर, गर्भगृह, सभा मंडप और आसपास की धार्मिक संरचनाओं का उन्नत स्तर पर निर्माण शामिल है।

  2. पर्यटन आधारभूत ढांचे का विकास – 728 करोड़ रुपये
    इस राशि से मंदिर परिसर के चारों ओर सड़क, प्रकाश व्यवस्था, पार्किंग, यात्री निवास, स्वागत द्वार, संग्रहालय, थीम पार्क, जल निकासी, फूड कोर्ट और अन्य सुविधाएं तैयार की जाएंगी, जिससे यह स्थान अंतरराष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो सके।

  3. रख-रखाव के लिए 10 वर्षों तक 16.62 करोड़ रुपये का प्रावधान
    इस राशि से मंदिर और उससे जुड़ी संरचनाओं का दैनिक संचालन, सफाई, सुरक्षा, गार्डनिंग और रखरखाव सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए अलग से एक स्थायी व्यवस्था और मैनेजमेंट कमेटी भी गठित की जाएगी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्राथमिकता

यह परियोजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर तैयार की गई है, जिन्होंने पहले ही यह घोषणा की थी कि माता सीता की जन्मस्थली पुनौरा धाम को अयोध्या की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। राज्य सरकार का मानना है कि यह परियोजना धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन के क्षेत्रों में बिहार की पहचान को मजबूत करेगी।

स्थानीय लोगों और तीर्थ यात्रियों में उत्साह

इस परियोजना की घोषणा के बाद सीतामढ़ी और आसपास के क्षेत्रों में खुशी की लहर है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह ऐतिहासिक स्थल अब विश्व पटल पर अपनी विशेष पहचान बनाएगा। मंदिर परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी, जिससे उनकी यात्रा अधिक सुविधाजनक और स्मरणीय हो सकेगी।

Share this story

Tags