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एलपीजी की बजाय कोयले पर एमडीएम बनाने वाले छह स्कूलों से शोकॉज

एलपीजी की बजाय कोयले पर एमडीएम बनाने वाले छह स्कूलों से शोकॉज

कोरोना के नए प्रकार के आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने गया जिले के सरकारी अस्पतालों में मौजूदा स्थिति से निपटने की तैयारी कर ली है। सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त जांच किट, मास्क, दवा, ऑक्सीजन और जरूरी उपकरण उपलब्ध करा दिए गए हैं। वहीं, कोरोना से निपटने के लिए जिले के सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है। वहीं, जिले के ऑक्सीजन प्लांट में जरूरत के हिसाब से अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है, जिसकी सुविधा अस्पताल में भर्ती मरीजों को दी जा रही है। सभी सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराए जा रहे हैं आपको बता दें कि कोरोना से निपटने के लिए जिले में आठ ऑक्सीजन प्लांट चालू थे। जिसमें अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल में सबसे ज्यादा तीन प्लांट हैं। वहीं, जयप्रकाश नारायण अस्पताल गया, प्रभावती महिला अस्पताल गया, टिकारी, शेरघाटी अनुमंडलीय अस्पताल और बोधगया में एक-एक प्लांट बनाया गया है।

मेडिकल के अलावा प्रभावती अस्पताल में प्लांट चालू है। इसके साथ ही अन्य ऑक्सीजन प्लांट स्टाफ के अभाव में बंद हैं। ऑक्सीजन प्लांट की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए सभी अस्पतालों को पर्याप्त कंसंट्रेटर, बाईपैप उपलब्ध करा दिए गए हैं। ऑक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध करा दिए गए हैं। कोरोना का नया प्रकार काफी कमजोर, घबराने की जरूरत नहीं सिविल सर्जन डॉ राजाराम प्रसाद ने बताया कि कोरोना का नया प्रकार आने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है। जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में इससे निपटने की तैयारी चल रही है। कोरोना के नए प्रकार से घबराने की जरूरत नहीं है। कोरोना का नया प्रकार काफी कमजोर है। इससे दो से तीन दिनों तक सर्दी-खांसी होती है और फिर यह ठीक हो जाता है। इसकी जांच अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में की जा रही है। फिलहाल गया जिले में एक भी मामला नहीं है। वहीं जयप्रकाश नारायण सदर अस्पताल में पांच सौ कोरोना जांच किट भी उपलब्ध है। जरूरत पड़ने पर मरीजों की कहीं भी जांच की जाएगी। वहीं जिले के सभी अस्पतालों में मरीजों की सुविधा और उनकी जांच के लिए लगातार निगरानी रखी जा रही है। सभी सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध हैं।

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