Samachar Nama
×

गया जिले में बीएलओ की शर्मनाक हरकत, मतदाता फॉर्म के नाम पर अवैध वसूली, वीडियो वायरल होने के बाद मचा हड़कंप

गया जिले में बीएलओ की शर्मनाक हरकत, मतदाता फॉर्म के नाम पर अवैध वसूली, वीडियो वायरल होने के बाद मचा हड़कंप

बिहार के गया जिले के मानपुर प्रखंड से लोकतंत्र की नींव को हिलाकर रख देने वाली एक गंभीर और शर्मनाक घटना सामने आई है। यहां एक बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) द्वारा मतदाता फॉर्म ऑनलाइन करने के नाम पर अवैध वसूली किए जाने का मामला सामने आया है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई, और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया

लोकतंत्र पर सीधा हमला

लोकतंत्र में मतदाता पंजीकरण एक पवित्र प्रक्रिया मानी जाती है, जिसमें पारदर्शिता और ईमानदारी सर्वोपरि होती है। लेकिन गया के मानपुर प्रखंड में बीएलओ की इस करतूत ने न केवल इस प्रक्रिया की गरिमा को ठेस पहुंचाई है, बल्कि चुनावी व्यवस्था की साख पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि बीएलओ एक युवक से मतदाता पहचान पत्र ऑनलाइन करने के लिए पैसे मांग रहा है

वीडियो वायरल होने से भड़का जनाक्रोश

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश फैल गया। लोग इसे लोकतंत्र के साथ धोखा और जनता के अधिकारों की खुली लूट बता रहे हैं। कई नागरिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मामले में बीएलओ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। लोगों ने कहा कि ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों को तुरंत सेवा से बर्खास्त किया जाना चाहिए।

प्रशासन ने लिया संज्ञान, जांच शुरू

मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला निर्वाचन कार्यालय और अनुमंडल प्रशासन ने तत्काल संज्ञान लिया है। गया के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया:

“वीडियो की सत्यता की जांच की जा रही है। अगर बीएलओ दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ऐसी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

क्या कहता है कानून?

भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, मतदाता पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया निःशुल्क होती है। यदि कोई सरकारी कर्मी इस प्रक्रिया में अवैध वसूली करता है, तो यह न केवल सेवा नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गंभीर आपराधिक कृत्य भी माना जाता है।

निष्कर्ष

Share this story

Tags