Samachar Nama
×

गया में बालू माफिया का हमला: अवैध खनन रोकने गए वन रेंजर घायल

गया में बालू माफिया का हमला: अवैध खनन रोकने गए वन रेंजर घायल

गया जिले के बरचट्टी थाना क्षेत्र के भलुआ गांव के पास मोहाने नदी में सक्रिय बालू माफियाओं का दुस्साहस एक बार फिर सामने आया है। रविवार की सुबह जंगल इलाके में अवैध बालू खनन की सूचना पर कार्रवाई करने पहुंचे बरचट्टी फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर (रेंजर) अरविंद कुमार पर बालू माफियाओं ने हमला कर दिया।

माफियाओं ने उन्हें घेर लिया और लाठी-डंडों से पीटा, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। उनके सिर में गंभीर चोट आई, बहुत खून बह गया और डॉक्टरों को पांच टांके लगाने पड़े।

बड़े पैमाने पर अवैध बालू खनन
रेंजर अरविंद कुमार ने बताया कि मोहाने नदी गौतम बुद्ध वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी में आती है, जहां बालू खनन पूरी तरह से प्रतिबंधित है। उन्हें सूचना मिली थी कि नदी में बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है। इसी सूचना के आधार पर वे अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। कार्रवाई के दौरान बालू से लदा एक ट्रैक्टर भी जब्त किया गया।

जब टीम मोहाने नदी से ट्रैक्टर लेकर लौट रही थी, तभी पहले से घात लगाए बैठे बालू माफिया के सदस्यों ने उन पर हमला कर दिया। उन्होंने बताया कि जैसे ही वे गाड़ी से उतरे, माफिया ने अचानक उन पर हमला कर दिया।

लाठी-डंडों से पीटा
जैसे ही वे गाड़ी से उतरे, उनके माथे पर बुरी तरह मारा गया, जिससे खून बहने लगा। वे बचने के लिए भागे, लेकिन जंगल की झाड़ियों में छिपे दूसरे लोगों ने उन्हें पकड़ लिया और लाठियों से बेरहमी से पीटा। बड़ी संख्या में हमलावरों ने उन्हें बेबस कर दिया। इस बीच, माफिया से डरकर ड्राइवर गाड़ी लेकर भाग गया।

किसी तरह हमलावरों से बचकर रेंजर भलुआ चट्टी बाजार पहुंचे और एक गांव वाले से मोबाइल फोन लेकर अपने ड्राइवर और अधिकारियों को फोन किया। बाद में ड्राइवर गाड़ी लेकर पहुंचा, जिसके बाद उन्हें कम्युनिटी हेल्थ सेंटर ले जाया गया। रेंजर ने पूरी घटना की सूचना बरचट्टी थाने को दी।

हमलावरों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की गई।

सूचना मिलने पर पुलिस इंस्पेक्टर और थाना प्रभारी अमरेंद्र किशोर अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने हमलावरों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की है। पता चला है कि फॉरेस्ट डिपार्टमेंट भी सख्त कार्रवाई कर रहा है।

गौरतलब है कि पिछले साल इसी महीने उस समय की सब-डिविजनल ऑफिसर सारा अशरफ को भी एक ऑपरेशन के दौरान रेत माफिया ने घेर लिया था, लेकिन पुलिस के समय पर पहुंचने से एक बड़ी घटना टल गई थी। ऐसी लगातार घटनाएं इलाके में गैर-कानूनी रेत माइनिंग के खिलाफ कार्रवाई करने वाले अधिकारियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं।

Share this story

Tags