चुनाव से पहले पटना में होगा 'सनातन संगम', 6 जुलाई को गांधी मैदान में धीरेंद्र शास्त्री का भव्य कार्यक्रम

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले धार्मिक गतिविधियों की रफ्तार भी तेज हो गई है। इसी कड़ी में एक बार फिर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का पटना दौरा तय हुआ है। आगामी 6 जुलाई को गांधी मैदान में एक विशाल 'सनातन संगम समागम' का आयोजन होने जा रहा है, जिसमें धीरेंद्र शास्त्री के अलावा देशभर के प्रमुख संत, शंकराचार्य, और धार्मिक प्रवक्ता भी हिस्सा लेंगे।
🕉️ धार्मिक महाग्रंथ के रूप में 'सनातन संगम'
आयोजकों के अनुसार, यह समागम सांस्कृतिक और धार्मिक चेतना को जाग्रत करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।
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कार्यक्रम में वैदिक परंपरा, रामकथा, राष्ट्र धर्म और सनातन संस्कृति को लेकर विशेष प्रवचन होंगे।
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हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है।
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यह कार्यक्रम राजनीतिक रूप से भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि बिहार चुनाव से पहले धार्मिक आंदोलनों का असर मतदाताओं पर पड़ सकता है।
🧘♂️ धीरेंद्र शास्त्री की लोकप्रियता और राजनीति से जुड़ाव
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की भारी जनसमर्थन और प्रभावशाली धार्मिक भाषण शैली ने उन्हें युवाओं और ग्रामीण समाज में खासा लोकप्रिय बना दिया है।
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उनके कार्यक्रमों में धार्मिक मुद्दों के साथ राष्ट्रवाद का संदेश भी रहता है, जो राजनीतिक पार्टियों के एजेंडे से जुड़ता दिखाई देता है।
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इससे पहले भी बिहार में उनके कार्यक्रम को लेकर राजनीतिक बहस छिड़ चुकी है।
🚨 राजनीतिक दृष्टि से क्यों अहम है यह आयोजन?
चुनाव से ठीक पहले होने वाला यह आयोजन
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हिंदू मतदाताओं के ध्रुवीकरण की दिशा में असर डाल सकता है।
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आयोजक वर्ग में कई राजनीतिक समर्थकों की भी भूमिका मानी जा रही है।
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ऐसे आयोजनों से राजनीतिक संदेश और धार्मिक भावनाएं एक साथ जुड़ती हैं, जिसका लाभ कुछ दलों को मिल सकता है।
📌 प्रशासनिक तैयारियां तेज
गांधी मैदान में आयोजन को लेकर प्रशासन ने
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सुरक्षा व्यवस्था,
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भीड़ नियंत्रण,
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वाहन पार्किंग,
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और मेडिकल इमरजेंसी सेवाओं की तैयारी शुरू कर दी है।
पटना पुलिस और जिला प्रशासन लगातार मंथन बैठकें कर रहे हैं ताकि कार्यक्रम शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रूप से संपन्न हो सके।
🗣️ आयोजकों का संदेश
कार्यक्रम के आयोजकों ने बताया कि यह कोई राजनीतिक मंच नहीं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक चेतना का संगम है।
“हमारा उद्देश्य समाज में धर्म, संस्कृति और नैतिकता की जागृति करना है। कार्यक्रम में किसी भी राजनीतिक प्रचार की अनुमति नहीं दी जाएगी।”