आयोगों के पुनर्गठन को लेकर राजद का विरोध तेज, तेजस्वी यादव ने एनडीए सरकार को बताया 'राष्ट्रीय दामाद आयोग'

बिहार में राजनीतिक तापमान एक बार फिर चरम पर है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार द्वारा हाल ही में किए गए आयोगों के पुनर्गठन को लेकर विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने तीखा विरोध दर्ज कराया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर हमला बोल रहे हैं। उन्होंने एनडीए की नियुक्तियों को पक्षपातपूर्ण करार देते हुए इसे "राष्ट्रीय दामाद आयोग" की संज्ञा दे डाली है।
आयोग में एनडीए नेताओं के करीबियों की नियुक्ति पर बवाल
राज्य सरकार द्वारा हाल के दिनों में कई आयोगों जैसे अति पिछड़ा वर्ग आयोग, अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग और अल्पसंख्यक आयोग का पुनर्गठन किया गया। विपक्ष का आरोप है कि इन आयोगों में एनडीए नेताओं के नजदीकी और राजनीतिक रूप से जुड़े लोगों को बिना योग्यता के शामिल किया गया, जिससे इन संस्थाओं की निष्पक्षता और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
तेजस्वी यादव का तीखा हमला
तेजस्वी यादव ने इस मामले पर कहा:
"नीतीश कुमार अब जनता की नहीं, अपने दल के चहेतों को उपकृत करने में लगे हैं। आयोग अब सामाजिक न्याय के नहीं, राजनीतिक ‘दामादों’ के लिए बना दिए गए हैं।"
उन्होंने यह भी दावा किया कि इन नियुक्तियों से यह स्पष्ट है कि सरकार का मकसद सामाजिक समूहों की भलाई नहीं, राजनीतिक लाभ और निष्ठावान चेहरों को लाभ पहुंचाना है।
सड़कों पर उतरे राजद कार्यकर्ता
तेजस्वी के नेतृत्व में विपक्षी दल ने आज इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक आक्रोश का रूप दिया। राजद कार्यकर्ताओं ने पटना स्थित जदयू प्रदेश कार्यालय का घेराव किया और जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने "लोकतंत्र की हत्या बंद करो", "दामाद आयोग नहीं चलेगा", जैसे नारों के साथ सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाया।
पुलिस से हुई झड़प, कई हिरासत में
जदयू कार्यालय के बाहर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, जिस दौरान हल्की झड़प भी हुई। कई राजद कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। हालांकि, राजद नेताओं ने कहा है कि वे इस मुद्दे पर पीछे नहीं हटेंगे और आंदोलन को गांव-गांव तक ले जाएंगे।
जदयू ने किया पलटवार
जदयू की ओर से पार्टी प्रवक्ता ने राजद पर पलटवार करते हुए कहा,
"तेजस्वी यादव खुद परिवारवाद की राजनीति करते हैं। आयोगों में जो भी नियुक्तियां हुई हैं, वे पूरी तरह से प्रक्रिया का पालन करते हुए की गई हैं। राजद मुद्दा विहीन हो चुका है, इसलिए झूठे आरोप लगाकर भ्रम फैला रहा है।"