राजद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में चार प्रस्ताव पारित, राजनीतिक और सामाजिक प्रस्ताव प्रमुख

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में पार्टी की आगामी रणनीतियों और दृष्टिकोण को लेकर राष्ट्रीय परिषद की बैठक एवं खुले अधिवेशन में पेश किए जाने वाले प्रस्तावों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। इस दौरान कुल चार प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई, जिनमें राजनीतिक और सामाजिक प्रस्ताव सबसे अहम माने जा रहे हैं।
राजनीतिक प्रस्ताव में भाजपा पर सीधा हमला
राजनीतिक प्रस्ताव में राजद ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला। प्रस्ताव में कहा गया कि भाजपा देश के लोकतंत्र, संविधान और सामाजिक सौहार्द्र को कमजोर करने का काम कर रही है। राजद ने दावा किया कि देश में तानाशाही प्रवृत्ति बढ़ रही है और केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्षी दलों को निशाना बनाया जा रहा है।
राजद ने इस प्रस्ताव के माध्यम से यह स्पष्ट कर दिया कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में वह भाजपा विरोधी गठबंधन (महागठबंधन) को मजबूत करने की दिशा में पूरी ताकत झोंकेगी।
सामाजिक प्रस्ताव: सामाजिक न्याय और आरक्षण पर जोर
बैठक में पारित सामाजिक प्रस्ताव में राजद ने जातीय जनगणना, सामाजिक न्याय, शिक्षा, रोजगार और आरक्षण जैसे मुद्दों को जोर-शोर से उठाया। पार्टी ने मांग की कि केंद्र सरकार जातिगत जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक करे और दलित-पिछड़े वर्गों को उनके संवैधानिक अधिकार पूरी तरह सुनिश्चित करे।
प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि सामाजिक न्याय की अवधारणा को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार में दलित, महादलित, पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
आर्थिक और संगठनात्मक प्रस्ताव भी हुए पारित
बैठक में दो अन्य प्रस्ताव भी पारित किए गए—एक आर्थिक और दूसरा संगठनात्मक।
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आर्थिक प्रस्ताव में महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की समस्याएं और केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना की गई।
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संगठनात्मक प्रस्ताव में पार्टी को बूथ स्तर तक मजबूत करने, युवाओं को जोड़ने और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की रणनीति को मंजूरी दी गई।
लालू यादव का संबोधन
राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा, "राजद सिर्फ एक राजनीतिक दल नहीं, सामाजिक परिवर्तन का आंदोलन है। हमें न सिर्फ चुनाव जीतना है बल्कि गरीबों, वंचितों और पिछड़ों की आवाज को मजबूत करना है।"
उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे हर गांव और हर घर तक पार्टी की विचारधारा पहुंचाएं।
आगे की रणनीति
बैठक में यह भी तय हुआ कि राष्ट्रीय परिषद की आगामी बैठक और खुला अधिवेशन जल्द ही आयोजित किया जाएगा, जिसमें इन चारों प्रस्तावों को विस्तृत रूप से प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अलावा विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र राजद का घोषणापत्र तैयार करने की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है।