राजद विधायक विभा देवी का तेजस्वी यादव को खुला पत्र, यादव समाज और पार्टी नेतृत्व पर उठाए गंभीर सवाल
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में अंदरूनी कलह अब खुलकर सामने आने लगी है। पार्टी की नवादा से विधायक विभा देवी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को एक खुला पत्र लिखकर न सिर्फ पार्टी नेतृत्व पर बल्कि यादव समाज की बदलती राजनीतिक स्थिति पर भी कड़े सवाल खड़े किए हैं।
विभा देवी ने अपने पत्र में लिखा है कि
“1990 से पहले का दौर यादव समाज के लिए स्वर्णिम युग था। उस समय समाज के पास अपने मजबूत, जमीनी और जनप्रिय नेता हुआ करते थे, जो जनता के मुद्दों पर लड़ते थे। लेकिन 1990 के बाद से जब तेजस्वी यादव का परिवार नेतृत्व में आया, तब से पुराने प्रभावशाली यादव नेताओं को या तो दरकिनार किया गया या खत्म कर दिया गया।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी में समर्पित और जमीनी नेताओं को नजरअंदाज कर परिवारवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे न सिर्फ राजद कमजोर हुआ है, बल्कि यादव समाज की राजनीतिक पकड़ भी ढीली पड़ी है।
विभा देवी ने पत्र में लिखा:
“आज हालत ये है कि जो भी नेता जमीन से उठकर आया है, उसे या तो किनारे कर दिया गया या उस पर झूठे आरोप लगाकर बदनाम किया गया। यादव समाज की नई पीढ़ी आज असहाय महसूस कर रही है।”
विधायक ने तेजस्वी यादव से आग्रह किया कि
“समय रहते आत्ममंथन करें और पार्टी को परिवार से ऊपर रखें, वरना वह दिन दूर नहीं जब समाज के युवा नेतृत्व की तलाश में किसी और दिशा में देखना शुरू कर देंगे।”
राजद में यह पत्र एक सियासी विस्फोट की तरह देखा जा रहा है, जो आने वाले समय में पार्टी के भीतर मतभेदों को और गहरा कर सकता है। अभी तक तेजस्वी यादव की ओर से इस पत्र पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन राजनीतिक हलकों में इस पत्र को बड़ी बगावत की आहट माना जा रहा है।

