तेजस्वी यादव ने जारी किया 20 सूत्रीय प्लान, नीतीश सरकार पर पोस्टरबाजी के जरिए कसा तंज, बिहार की राजनीति में बढ़ी गर्मी

बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। राजनीतिक दल मैदान में उतर चुके हैं और हर कोई मतदाताओं को रिझाने में जुटा है। इस बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोलते हुए अपना 20 सूत्री प्लान जारी कर दिया है। हालांकि, महागठबंधन की ओर से अब तक आधिकारिक घोषणापत्र जारी नहीं हुआ है, लेकिन तेजस्वी के इस प्लान को आगामी चुनाव के लिए राजनीतिक दिशा का संकेत माना जा रहा है।
पोस्टरबाजी से शुरू हुई जंग
विपक्ष ने चुनावी बिगुल फूंकने के साथ ही पोस्टरबाजी के जरिए सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। राजधानी पटना सहित विभिन्न जिलों में जगह-जगह तेजस्वी यादव की तस्वीरों वाले पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें नीतीश सरकार पर विफलताओं का आरोप लगाया गया है।
इन पोस्टरों के जरिए जनता को सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का संदेश देने की कोशिश की जा रही है। वहीं एनडीए की ओर से भी "काम असरदार, सोच दमदार - फिर एक बार एनडीए सरकार" जैसे स्लोगन वाले पोस्टरों के जरिए पलटवार किया जा रहा है।
क्या है तेजस्वी का 20 सूत्री प्लान?
तेजस्वी यादव ने जो 20 बिंदुओं का एजेंडा जारी किया है, उसमें युवाओं, किसानों, मजदूरों, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता दी गई है।
हालांकि, इस प्लान की संपूर्ण जानकारी औपचारिक रूप से सामने नहीं आई है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी ने इसमें बेरोजगारी हटाओ, शिक्षा में सुधार, महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण, संविदा नीति समाप्ति, युवाओं को सरकारी नौकरी में प्राथमिकता, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी जैसे मुद्दे शामिल किए हैं।
नीतीश सरकार पर सीधा हमला
तेजस्वी यादव ने कहा कि,
“पिछले 18 वर्षों में बिहार के युवाओं को सिर्फ ठगा गया है। शिक्षा व्यवस्था चौपट है, नौकरी नहीं है और कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। हमारी सरकार बनी तो बिहार को नया रास्ता और युवाओं को नया भविष्य मिलेगा।”
सियासी तापमान में इज़ाफा
तेजस्वी के इस कदम ने बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह 20 सूत्री प्लान महज एक रणनीतिक ‘टीज़र’ है, जिससे जनता की नब्ज टटोलने के बाद गठबंधन का घोषणापत्र आकार लेगा।