बिहार में बढ़ता अपराध, पटना में जेल से लाए गए कैदी को मारी गई गोली, शाहपुर में युवक की हत्या से सनसनी
बिहार इन दिनों अपराध की घटनाओं को लेकर लगातार राष्ट्रीय सुर्खियों में बना हुआ है। एक के बाद एक हो रही वारदातों से जहां आम जनता में दहशत है, वहीं विपक्ष भी सरकार पर लगातार निशाना साध रहा है। राजधानी पटना समेत राज्य के कई जिलों में हाल के दिनों में जिस तरह से अपराधियों के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं, उसने कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब पटना से दो बड़ी आपराधिक घटनाएं सामने आई हैं, जिसने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर फिर सवालिया निशान लगा दिया है।
अस्पताल में इलाज के दौरान कैदी को गोली मारी
पटना के सबसे व्यस्त इलाकों में से एक में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक कैदी को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया और वहीं दिनदहाड़े गोली मार दी गई। कैदी फिलहाल पुलिस कस्टडी में था और किसी गंभीर बीमारी के चलते जेल से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन अस्पताल परिसर में ही अज्ञात हमलावरों ने उसे गोली मार दी। घटना के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है और हमलावरों की तलाश की जा रही है। फिलहाल घायल कैदी की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
शाहपुर में युवक की हत्या
उधर पटना के शाहपुर थाना क्षेत्र में एक युवक की बेरहमी से हत्या कर दी गई। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने हंगामा कर दिया और सड़कों पर उतरकर प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। बताया जा रहा है कि युवक की हत्या आपसी रंजिश के चलते की गई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
इन दोनों घटनाओं ने एक बार फिर बिहार सरकार और विशेषकर गृह विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और अन्य दलों के नेताओं ने ट्वीट कर सरकार को निशाने पर लिया और पूछा है कि जब राजधानी में ही लोग सुरक्षित नहीं हैं तो राज्य के बाकी हिस्सों का क्या हाल होगा?
नीतीश सरकार पर दबाव
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार वैसे ही इस समय विधानसभा चुनावों की तैयारियों में लगी है और ऐसे में कानून-व्यवस्था की स्थिति का लगातार बिगड़ना उनके लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। भले ही सरकार विकास के बड़े-बड़े दावे कर रही हो, लेकिन अपराध का यह ग्राफ उसकी छवि को नुकसान पहुंचा रहा है।

