बिहार चुनाव से पहले बयानबाजी तेज, कांग्रेस के ‘ड्राइविंग सीट’ वाले बयान पर एनडीए हमलावर

बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। सभी दल चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं और साथ ही एक-दूसरे पर तीखे हमले भी कर रहे हैं। इसी क्रम में कांग्रेस सांसद देवेंद्र हुड्डा के एक बयान ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है।
हुड्डा ने गुरुवार को कहा कि "इस बार बिहार में कांग्रेस फ्रंट फुट पर रहेगी और ड्राइविंग सीट पर कांग्रेस ही बैठेगी।" उनके इस बयान को कांग्रेस के आत्मविश्वास या ओवर कॉन्फिडेंस के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन एनडीए ने इसे अपने लिए बैठे-बिठाए बड़ा मुद्दा बना लिया है।
NDA ने किया पलटवार
एनडीए के नेताओं ने हुड्डा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस बिहार में कभी ड्राइविंग सीट पर थी ही नहीं, और अब तो वो सीट पर बैठे यात्री जैसी भी नहीं रह गई है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने तंज कसते हुए कहा –
"जिस पार्टी का जनाधार खत्म हो रहा है, वो ड्राइविंग सीट का सपना देख रही है। बिहार की जनता ने कांग्रेस को कई बार परखा है और अब उसका विकल्प तलाश लिया है।"
विपक्षी एकता पर भी उठे सवाल
हुड्डा के बयान ने विपक्षी गठबंधन की आंतरिक रणनीति और नेतृत्व को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर कांग्रेस खुद को फ्रंट फुट पर मान रही है, तो क्या राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन में नेतृत्व को लेकर खींचतान है?
राजद खेमे से भी इस बयान को लेकर संकेतों में नाराजगी जाहिर की गई है।
कांग्रेस की सफाई
हालांकि कांग्रेस ने इसे सामूहिक नेतृत्व की बात बताते हुए कहा है कि पार्टी पूरे मनोयोग से चुनाव में उतरेगी और महागठबंधन को मजबूत बनाएगी। एक प्रदेश कांग्रेस नेता ने कहा,
"ड्राइविंग सीट का मतलब यह नहीं कि अकेले कांग्रेस चलेगी, बल्कि इसका मतलब है कि कांग्रेस भागीदारी से नेतृत्व करेगी।"