
संवाददाता, पटना पटना समेत राज्य के सात जिलों में सेना की जमीन के रूपांतरण समेत राजस्व मामलों को लेकर पेच फंसा हुआ है। इस कारण जमीन पर निर्माण कार्य बाधित हो रहा है। यह जानकारी रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि ने एक बैठक के दौरान राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के वरीय पदाधिकारियों को दी। इसके बाद संबंधित अंचलाधिकारियों समेत अन्य पदाधिकारियों को तत्काल समाधान का निर्देश दिया गया है। इसमें प्रमुख मुद्दा बिहटा एयरफोर्स स्टेशन का है। बिहटा एयरफोर्स स्टेशन के लिए 142 एकड़ जमीन अधिग्रहित करने के बाद इसे भारत सरकार के नाम पर रूपांतरण कराने के लिए 26 दिसंबर 2024 को बिहटा अंचल कार्यालय में आवेदन दिया गया था।
इस संबंध में रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के वरीय पदाधिकारियों को जानकारी दी है कि रूपांतरण को लेकर बिहटा के अंचलाधिकारी से संपर्क किया गया था। अंचलाधिकारी ने बताया कि बिहटा एयरफोर्स स्टेशन के लिए 142 एकड़ जमीन की जमाबंदी रैयत के नाम पर ऑनलाइन प्रदर्शित नहीं हो रही है। इस कारण रैयत का खाता साफ नहीं हो पा रहा है और रक्षा मंत्रालय के नाम परिवर्तन नहीं हो पा रहा है। इसकी जानकारी मिलने पर संयुक्त सचिव सह सहायक निदेशक, भू-अर्जन ने बिहटा अंचलाधिकारी को संबंधित जमीन की जमाबंदी के लिए सक्षम प्राधिकार से आदेश लेकर अग्रतर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। आगे, निदेशक, भू-अर्जन ने एयरफोर्स की जमीन की मापी और परिवर्तन को लेकर अंचलाधिकारी, बिहटा को आवश्यक निर्देश दिया। इन जिलों में है समस्या रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के उच्चाधिकारियों को पटना समेत सात जिलों में परिवर्तन समेत अन्य समस्याओं से अवगत कराया। इसमें पटना जिले के सदर अंचल में रक्षा मंत्रालय द्वारा अधिग्रहित जमीन की मापी और परिवर्तन शामिल है। दरभंगा जिले के बहादुरगंज और लहेरियासराय अंचल समेत केयूटी अंचल में एयरफोर्स स्टेशन के लिए जमीन संबंधी समस्या की भी जानकारी दी ऐसी समस्या मुजफ्फरपुर जिले के मुशहरी क्षेत्र, गया जिले के गया सदर, बोधगया, शेरघाटी, बाराचट्टी, डोभी, टेकरी, बरैया क्षेत्र में है. गोपालगंज जिले के हथुआ क्षेत्र, रोहतास जिले के डेहरी और सासाराम क्षेत्र और कैमूर जिले के कुदरा क्षेत्र में भी भूमि संबंधी समस्या है।