बिहार के भागलपुर शहर को शीतलहर के चलते रेड अलर्ट जोन घोषित किया गया है। पिछले कई दिनों से लगातार पड़ रही कड़ाके की ठंड ने जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, जिससे आम लोग, खासकर बुजुर्ग, बच्चे और मजदूर वर्ग सबसे ज्यादा परेशान हैं। हालांकि मौसम विभाग की चेतावनी के बावजूद प्रशासन की सतर्कता और ठंड से बचाव के इंतजामों पर अब सवाल उठने लगे हैं।
शहर में सुबह और देर रात ठंडी हवाओं के साथ घना कोहरा भी छाया रह रहा है। सड़कों पर आवाजाही कम हो गई है और खुले में काम करने वाले लोगों के लिए स्थिति बेहद कठिन बनी हुई है। रिक्शा चालक, दिहाड़ी मजदूर और फुटपाथ पर रहने वाले लोग ठंड से बचने के लिए अलाव और अस्थायी इंतजामों का सहारा ले रहे हैं।
रेड अलर्ट घोषित होने के बावजूद कई इलाकों में प्रशासनिक तैयारियां नाकाफी नजर आ रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि न तो पर्याप्त अलाव की व्यवस्था की गई है और न ही रैन बसेरों में जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। कई जगहों पर अलाव की लकड़ियां समय पर नहीं पहुंचाई गईं, जिससे लोग ठंड में रात गुजारने को मजबूर हैं।
शहर के अस्पतालों में ठंड से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। सर्दी, खांसी, बुखार और सांस से संबंधित समस्याओं के मरीज लगातार पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अत्यधिक ठंड के कारण हार्ट और सांस की बीमारियों वाले मरीजों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग की ओर से किसी विशेष आपात व्यवस्था की स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है।

