बिहटा और रनीया तालाब क्षेत्र में अवैध बालू भंडारण पर छापेमारी, तीन लाख 61 हजार सीएफटी बालू का सत्यापन

आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने बुधवार को बिहटा और रनीया तालाब थाना क्षेत्रों में अवैध बालू भंडारण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। इस छापेमारी के दौरान ईओयू की विशेष टीम ने करीब तीन लाख 61 हजार सीएफटी (क्यूबिक फीट) अवैध बालू के भंडारण का सत्यापन किया और इसे जब्त कर लिया।
क्या है पूरा मामला?
ईओयू को लगातार अवैध बालू खनन और उसके भंडारण की सूचना मिल रही थी, जिससे सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान हो रहा था। इसके बाद, विशेष जांच टीम ने बिहटा और रनीया तालाब क्षेत्र में कई अवैध बालू भंडारण स्थल की पहचान की और वहां छापेमारी की।
टीम ने तीन लाख 61 हजार सीएफटी बालू का सत्यापन किया, जो नियमों के विपरीत भंडारित था। यह बालू बिना किसी वैध अनुमति के नदी या अन्य जल स्रोतों से खींचा गया था। जांच में पाया गया कि इस अवैध गतिविधि से सिर्फ पर्यावरण को ही नहीं, बल्कि राज्य सरकार को भी भारी आर्थिक नुकसान हो रहा था।
बालू के भंडारण में हो रहे थे बड़े अनियमितताएं
ईओयू के अधिकारियों के मुताबिक, इन अवैध भंडारण स्थलों पर बालू के बड़े पैमाने पर स्टॉक किए गए थे। इसके अलावा, कई स्थानों पर स्वीकृत खनन नियमों का उल्लंघन किया जा रहा था और बालू का अवैध व्यापार चल रहा था। टीम ने इन भंडारण स्थलों से कई दस्तावेज भी जब्त किए, जो इस अवैध कार्य को साबित करते हैं।
कार्रवाई के बाद क्या कदम उठाए गए?
ईओयू ने अवैध बालू के भंडारण को जब्त कर लिया है और इसकी जांच जारी रखी है। अधिकारियों का कहना है कि छापेमारी के बाद अवैध बालू व्यापार में संलिप्त व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, राजस्व का नुकसान करने वाले व्यक्तियों पर कानूनी मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
आर्थिक अपराध इकाई का मिशन
ईओयू का मुख्य उद्देश्य राज्य में हो रहे आर्थिक अपराधों, भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखना है। इस अभियान के तहत, पहले भी कई अवैध खनन और बालू तस्करी के मामलों में कार्रवाई की जा चुकी है। अधिकारियों ने कहा कि वे इस तरह की छापेमारी को और तेज करेंगे, ताकि राजस्व चोरी और पर्यावरणीय नुकसान को रोका जा सके।