5 महीने में छठी बार बिहार आ रहे राहुल गांधी, क्या तेजस्वी की छांव में रही कांग्रेस को दे पाएंगे नई धार

लोकसभा चुनाव 2024 के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को ध्यान में रखते हुए बिहार का अपना दौरा आगे बढ़ा दिया है। वे पिछले 5 महीने में छठी बार आज एक दिवसीय दौरे पर बिहार आ रहे हैं। करीब एक सप्ताह पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजधानी पटना में रोड शो कर लौटे हैं। राहुल गांधी 6 जून को गए थे और राजगीर में कार्यक्रम करेंगे। इस बार उनका फोकस मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गढ़ और अति पिछड़ा वर्ग (एबीसी) के वोट बैंक पर नजर आ रहा है। कांग्रेस की रणनीति सामाजिक रूप से हाशिए पर पड़े वर्गों के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने की नजर आ रही है।
दशरथ मांझी के परिजनों से मुलाकात
राहुल गांधी अपने दौरे की शुरुआत गया से करेंगे। वे सबसे पहले गया एयरपोर्ट पर उतरेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक, वहां से वे सीधे 'माउंटेन मैन' के नाम से मशहूर दशरथ मांझी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। इसके बाद वे दशरथ मांझी के परिजनों से भी मुलाकात करेंगे। इस कदम से साफ है कि राहुल गांधी अति पिछड़े वर्गों के बीच भावनात्मक और सामाजिक जुड़ाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल गांधी गया में महिलाओं से संवाद करेंगे, जिसमें महिलाओं से जुड़े सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। यह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण के लिए कांग्रेस के अभियान को मजबूती दे सकता है। राजगीर में करेंगे 'अतिपिछड़ा संवाद' इसके बाद राहुल गांधी राजगीर के लिए रवाना होंगे, जहां वह 'अतिपिछड़ा संवाद' कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। माना जा रहा है कि इस कार्यक्रम के जरिए वह अति पिछड़े वर्गों के नेताओं और कार्यकर्ताओं से सीधा संपर्क स्थापित करेंगे। यह कार्यक्रम कांग्रेस की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वह सामाजिक न्याय के मुद्दों पर फोकस कर अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करना चाहती है। राजगीर से राहुल गांधी गया लौटेंगे और फिर दिल्ली जाएंगे। इस यात्रा को कांग्रेस के आगामी सामाजिक समीकरणों की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है। लेकिन एक सवाल यह भी है कि बिहार के महागठबंधन में कांग्रेस दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। ऐसे में क्या राहुल गांधी आरजेडी की छाया में सिमटी कांग्रेस को नई धार दे पाएंगे?