नगर निगम के खिलाफ उभरा आक्रोश, पीने के पानी की समस्या पर नागरिकों ने किया सड़क जाम

खगड़िया नगर निगम के वार्ड संख्या-1 में पीने के पानी की गंभीर समस्या के विरोध में शुक्रवार को स्थानीय निवासियों का आक्रोश सड़कों पर फूट पड़ा। नाराज लोगों ने लक्ष्मी चौक से पुलिस लाइन रोड तक बाल्टियां और पानी की टंकियां रखकर सड़क जाम कर दी और नगर निगम प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई दिनों से वार्ड में पीने के पानी की गंभीर किल्लत बनी हुई है। पानी की सप्लाई में गड़बड़ी के कारण लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से इस समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। वार्डवासियों का आरोप है कि नगर निगम की ओर से वादा किया गया था कि पानी की समस्या को जल्द हल किया जाएगा, लेकिन समय गुजरने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
शुक्रवार को सैकड़ों की संख्या में लोग लक्ष्मी चौक से पुलिस लाइन रोड तक इकट्ठा हुए और उन्होंने रास्ते में पानी की टंकियां और बाल्टियां रखकर सड़क जाम कर दी। इस दौरान उन्होंने नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी की और प्रशासन से जल्द समस्या का समाधान करने की मांग की। "पानी दो, पानी दो" और "नगर निगम शर्म करो" जैसे नारे लगाने वाले स्थानीय निवासियों का कहना था कि उनकी रोजमर्रा की जिंदगी में पानी की कमी से उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों की शिकायतें:
स्थानीय निवासी संगीता देवी ने कहा, "हम लोग कई दिनों से पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं। बच्चे, बुजुर्ग, सभी परेशान हैं। नगर निगम ने कई बार वादा किया कि समस्या का समाधान जल्द किया जाएगा, लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया।"
अमित कुमार, एक अन्य स्थानीय निवासी, ने कहा, "सड़क पर आकर विरोध करना हमारी मजबूरी बन गई है। हम चाहते हैं कि प्रशासन हमारी समस्या का समाधान करें और हमें ठीक से पानी की आपूर्ति मिल सके।"
प्रशासन का रुख:
इस प्रदर्शन के बाद नगर निगम के अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थानीय निवासियों से बातचीत की। नगर निगम के प्रतिनिधि ने आश्वासन दिया कि जल्द ही पानी की आपूर्ति व्यवस्था में सुधार किया जाएगा और जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।
इस घटना ने नगर निगम के कामकाज पर सवाल खड़े किए हैं और नागरिकों ने प्रशासन से ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की मांग की है। नगर निगम को इस समस्या के समाधान के लिए गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े।