एसआईआर (सिविल इनवेस्टिगेशन रिफॉर्म) के खिलाफ मंगलवार, 12 अगस्त 2025 को संसद परिसर में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं की टी-शर्ट पर बिहार के सीवान की रहने वाली मिंता देवी की तस्वीर छपी हुई थी। इस मामले को लेकर अब मिंता देवी ने सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
मिंता देवी ने कहा, "प्रियंका गांधी या राहुल गांधी मेरे कौन होते हैं? उन्हें मेरा फोटो इस्तेमाल करने का अधिकार किसने दिया?" उन्होंने आगे कहा कि इस तरह उनके व्यक्तिगत चित्र को राजनीतिक संदेश के लिए बिना अनुमति इस्तेमाल करना उचित नहीं है। उनका कहना है कि यह व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन है और किसी भी व्यक्ति या राजनीतिक दल को बिना अनुमति दूसरों के फोटो या पहचान का उपयोग करने का अधिकार नहीं है।
इस मामले में मिंता देवी का कहना है कि वे राजनीति में शामिल नहीं हैं और उनका व्यक्तिगत जीवन किसी भी राजनीतिक गतिविधि का हिस्सा नहीं बनना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका फोटो इस्तेमाल करना उनकी सहमति के बिना एक गंभीर मसला है।
कांग्रेस पार्टी की ओर से कहा गया था कि यह टी-शर्ट नागरिक अधिकारों और लोकतांत्रिक आंदोलनों को उजागर करने के उद्देश्य से बनाई गई थी। टी-शर्ट पर मिंता देवी की तस्वीर का इस्तेमाल, पार्टी के अनुसार, सार्वजनिक हित और सामाजिक मुद्दों को ध्यान में लाने के लिए किया गया था। हालांकि, मिंता देवी ने इसे उचित नहीं माना और कहा कि व्यक्तिगत पहचान का इस्तेमाल बिना अनुमति नैतिक और कानूनी दृष्टि से गलत है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं में व्यक्तिगत अधिकार और सार्वजनिक प्रदर्शन के बीच संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है। किसी भी व्यक्ति की तस्वीर या पहचान का उपयोग राजनीतिक संदेश के लिए बिना अनुमति करना कानूनी और नैतिक दोनों दृष्टि से विवादास्पद माना जा सकता है।
मिंता देवी की प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रही है। लोग इस मामले में विभिन्न तरह की टिप्पणियां कर रहे हैं, कुछ लोग उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता और अधिकार की रक्षा की बात कर रहे हैं, जबकि अन्य इसे राजनीतिक सरगर्मी का हिस्सा मान रहे हैं।
बिहार से जुड़े इस मामले ने राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है। मिंता देवी ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी अनुमति के बिना उनका फोटो किसी राजनीतिक कार्यक्रम या विरोध प्रदर्शन में प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। उनका कहना है कि अगर आवश्यकता पड़ी, तो वे कानूनी कार्रवाई भी करने के लिए तैयार हैं।
इस घटना ने राजनीतिक दलों और नेताओं को सावधानी बरतने का संदेश भी दिया है। किसी भी नागरिक की पहचान या तस्वीर का प्रयोग करने से पहले सहमति लेना और नैतिक जिम्मेदारी समझना जरूरी है। मिंता देवी की प्रतिक्रिया ने इस मुद्दे को व्यक्तिगत अधिकार बनाम राजनीतिक इस्तेमाल के परिप्रेक्ष्य में सामने रखा है।

