4 महीने में चौथी बार बिहार आएंगे पीएम मोदी, चंपारण से साधेंगे चुनावी जमीन, वहां किसकी मजबूत पकड़
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर बिहार दौरे पर आ रहे हैं। वह 18 जुलाई को बिहार दौरे पर आएँगे, इस दौरान वह राज्य को हज़ारों करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं की सौगात देंगे। प्रधानमंत्री चुनावी राज्य बिहार का ताबड़तोड़ दौरा कर रहे हैं, पिछले 4 महीनों में यह उनका चौथा दौरा है। इस दौरे के दौरान वह 24 विधानसभा सीटों को अपने पक्ष में करने पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे।
प्रस्तावित बिहार दौरे के इस चरण में, पीएम मोदी शुक्रवार, 18 जुलाई को राज्य के पूर्वी चंपारण ज़िले का दौरा करेंगे। इस दौरान वह एक चुनावी रैली को भी संबोधित करेंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कल सोमवार को इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि पीएम मोदी मोतिहारी आएंगे और यहाँ एक जनसभा को संबोधित करेंगे, जिसमें 24 विधानसभा क्षेत्रों के लोग शामिल होंगे।
53वें दौरे के लिए मोतिहारी को ही क्यों चुना गया?
इस साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए यहाँ चुनावी रैलियों का दौर शुरू हो चुका है। पीएम मोदी समेत देश के कई दिग्गज नेताओं का बिहार दौरा जारी है। पूर्वी चंपारण ज़िले का मुख्यालय मोतिहारी क्षेत्र, जिसे पीएम मोदी ने अपनी 53वीं बिहार यात्रा के लिए चुना है, राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। नेपाल से सटे पूर्वी चंपारण ज़िले में कुल 12 विधानसभा सीटें हैं, जबकि सीतामढ़ी और शिवहर इससे सटे हुए ज़िले हैं। इसके अलावा, पूर्वी चंपारण के दक्षिण में मुज़फ़्फ़रपुर ज़िला और पश्चिम में गोपालगंज व पश्चिमी चंपारण ज़िले हैं।
इस यात्रा के ज़रिए पूर्वी चंपारण ज़िले की 12 विधानसभा सीटों के अलावा सीतामढ़ी ज़िले की 8, शिवहर ज़िले की एक और मुज़फ़्फ़रपुर व गोपालगंज की दर्जनों सीटों पर दांव आजमाया जा रहा है। इन इलाकों में एनडीए का दबदबा रहा है और वह 2025 के चुनावों में भी पिछले नतीजों को बरकरार रखने या बेहतर करने की कोशिश में है।
पूर्वी चंपारण में एनडीए का दबदबा
अकेले पूर्वी चंपारण में 12 सीटें हैं और 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 9 सीटें जीती थीं जबकि राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाले महागठबंधन को 3 सीटों का नुकसान हुआ था। सीतामढ़ी में 8 विधानसभा सीटें हैं और एनडीए ने 6 सीटें जीती थीं, जबकि महागठबंधन को 2 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। शिवहर की एकमात्र विधानसभा सीट भी एनडीए के खाते में आई।
मुजफ्फरपुर में एनडीए ने 11 में से 6 सीटें जीतीं, राजद 5 सीटें जीतने में कामयाब रही। इसी तरह, पूर्वी चंपारण से सटे गोपालगंज जिले में भी 6 सीटें आती हैं और इसमें एनडीए ने 4 सीटें जीतीं। कुल मिलाकर, पीएम मोदी मोतिहारी में रैली के ज़रिए राज्य की लगभग 3 दर्जन सीटों पर अपनी पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश करेंगे।
पीएम मोदी की प्रस्तावित रैली को लेकर क्षेत्र में माहौल बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी अपने अभियान में जुट गई है और लोगों को इसके बारे में जानकारी देने के लिए कई प्रचार वाहन तैयार कर अलग-अलग क्षेत्रों में भेजे हैं। पूर्वी चंपारण जिले की 12 विधानसभा सीटों में से 8 सीटें भाजपा के खाते में गईं और एक सीट जदयू ने जीती, राजद ने 3 सीटें जीतीं। सीतामढ़ी की 8 सीटों में से भाजपा ने 4 और जदयू ने 2 सीटें जीतीं। 2 सीटों पर राजद का कब्ज़ा रहा।
मुजफ्फरपुर जिले में कड़ी चुनौती
शिवहर विधानसभा सीट जदयू के पास थी, लेकिन 2020 के चुनाव में राजद ने यहां जीत हासिल की। मुजफ्फरपुर में भी यही हाल रहा, जहाँ भाजपा ने 11 में से 5 सीटें जीतीं और जदयू व वीआईपी ने एक-एक सीट जीती। राजद ने 5 और कांग्रेस ने 1 सीट जीती। यह एक ऐसा ज़िला है जहाँ हर पार्टी की मज़बूत पकड़ है। यहाँ से 6 पार्टियाँ जीतीं।
मुजफ्फरपुर की 11 सीटों में से एनडीए ने 6 सीटें जीतीं, हालाँकि एनडीए की सहयोगी वीआईपी के मुसाफिर पासवान ने 2020 में बोचहां सीट जीती थी, लेकिन उनके निधन के बाद उनके बेटे ने 2022 में राजद के टिकट पर चुनाव जीता। इसी तरह, कुरहानी सीट पर राजद ने जीत हासिल की, लेकिन विधायक अनिल कुमार सहनी के आपराधिक मामलों में अयोग्य घोषित होने के बाद हुए उपचुनाव में यह सीट भाजपा के खाते में चली गई।
चंपारण को भाजपा का गढ़ माना जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी लगातार बिहार का दौरा कर रहे हैं। उनकी कोशिश बिहार में एक बार फिर एनडीए को जीत दिलाने की है। प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी का यह 53वाँ दौरा है। जबकि पिछले साल जून में तीसरी बार सत्ता में आने के बाद से यह आठवाँ दौरा है। वह पिछले 4 महीनों से लगातार बिहार आ रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने 24 अप्रैल को मधुबनी, 29 मई को पटना और 20 जून को सीवान का दौरा किया था। प्रधानमंत्री मोदी फरवरी में भी बिहार आए थे।
अब लगातार चौथे महीने वह पूर्वी चंपारण का दौरा कर रहे हैं। पूरे बिहार में यही वह इलाका है जहाँ भाजपा की स्थिति काफी मजबूत है। पूर्वी चंपारण (12 सीटें) और पश्चिमी चंपारण (9 सीटें) दोनों जिलों में 21 सीटें हैं जहाँ एनडीए ने 17 सीटें जीतीं जबकि अकेले भाजपा ने 15 सीटें जीतीं। पिछले चुनाव में एनडीए को बहुमत मिला था, लेकिन उसे महागठबंधन से कड़ी चुनौती मिली थी। एनडीए ने मामूली अंतर से बहुमत हासिल किया था। ऐसे में भाजपा के रणनीतिकार पीएम मोदी ने राज्य में ताबड़तोड़ रैलियाँ करके सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। वे विपक्षी लहर को कम करने और प्रधानमंत्री की लोकप्रियता का लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं।

