विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज, 9 और 10 जुलाई को डीएम करेंगे राजनीतिक दलों के साथ बैठक

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियों की गतिविधियां अब तेज़ी पकड़ने लगी हैं। चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के बीच विपक्ष की आपत्तियों और सवालों के मद्देनज़र, सभी जिलों के जिलाधिकारियों (डीएम) ने 9 और 10 जुलाई को जनप्रतिनिधियों व मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ महत्वपूर्ण बैठकें बुलाई हैं।
इन बैठकों में मतदाता सूची के युक्तिकरण, बूथों के पुनर्गठन और सुधारात्मक कदमों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
चुनाव आयोग के निर्देश पर हो रही कार्रवाई
विशेष पुनरीक्षण अभियान के तहत चुनाव आयोग की कोशिश है कि मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी, त्रुटिरहित और समावेशी बनाया जाए। इसके तहत फर्जी, मृत या दोहराए गए मतदाताओं के नाम हटाने और नई उम्र सीमा में आने वाले मतदाताओं के नाम जोड़ने की प्रक्रिया को गति दी जा रही है।
विपक्ष ने उठाए सवाल
हालांकि इस अभियान को लेकर विपक्षी दलों ने आंशका जताई है कि यह कार्रवाई पक्षपातपूर्ण हो सकती है, और इससे बूथों के पुनर्गठन के नाम पर अपने वोटरों को हटाने की साजिश की जा रही है। इसी विरोध को ध्यान में रखते हुए डीएम की अध्यक्षता में ये बैठकें बुलाई गई हैं, ताकि सभी पक्षों को भरोसे में लेकर प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।
बैठक का एजेंडा क्या रहेगा?
9 और 10 जुलाई को होने वाली इन बैठकों में मुख्य रूप से निम्न मुद्दों पर चर्चा होगी:
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मतदाता सूची में दर्ज त्रुटियों को दूर करने की रणनीति
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बूथों का पुनर्गठन और नई भौगोलिक वास्तविकताओं के अनुसार समायोजन
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वोटर हेल्पलाइन और ईसीआई पोर्टल के माध्यम से नामांकन व सुधार की जानकारी
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राजनीतिक दलों से सुझाव और आपत्तियों को दर्ज करना और उनका समाधान
राजनीतिक दलों से सहयोग की अपील
चुनाव आयोग और जिला प्रशासन की ओर से यह भी कहा गया है कि सभी राजनीतिक दल अपनी बूथ लेवल टीमों के माध्यम से सही जानकारी उपलब्ध कराएं, जिससे मतदाता सूची को निष्पक्ष और सटीक बनाया जा सके। यह लोकतंत्र की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जरूरी है।