सिपाही नागरिक पुलिस पद पर चयनित गर्भवती महिलाओं को प्रशिक्षण से अस्थायी छुट्टी, डिलीवरी के एक साल बाद पुनः शामिल किया जाएगा

उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग ने सिपाही नागरिक पुलिस के पद पर चयनित महिलाओं के लिए एक अहम आदेश जारी किया है। इसके तहत यदि कोई महिला अभ्यर्थी प्रशिक्षण के दौरान गर्भवती पाई जाती है, तो उसे तत्काल प्रशिक्षण से वापस भेज दिया जाएगा और उसे प्रशिक्षण का हिस्सा बनने से रोक दिया जाएगा। इस प्रकार की महिला प्रशिक्षुओं को डिलीवरी के बाद एक वर्ष के अंतराल के बाद आगामी प्रशिक्षण सत्र में शामिल किया जाएगा।
चयन प्रक्रिया और महिलाओं की संख्या
सिपाही नागरिक पुलिस के पद पर कुल 60,244 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है, जिनमें से 12,048 महिलाएं हैं। यह संख्या इस बात को दर्शाती है कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में पुलिस विभाग कितनी गंभीरता से प्रयास कर रहा है। हालांकि, प्रशिक्षण के दौरान गर्भावस्था की स्थिति में महिलाओं के लिए यह नियम लागू किया गया है, जिससे प्रशिक्षण की गुणवत्ता और अभ्यर्थियों की फिटनेस सुनिश्चित की जा सके।
आदेश के पीछे का उद्देश्य
पुलिस विभाग का मानना है कि सिपाही के पद पर सेवा के दौरान शारीरिक फिटनेस और मानसिक तत्परता अत्यंत आवश्यक है। गर्भावस्था के दौरान प्रशिक्षुओं की सेहत और प्रशिक्षण की प्रकृति को देखते हुए उन्हें अस्थायी रूप से प्रशिक्षण से हटाना जरूरी होता है। डिलीवरी के बाद पुनः प्रशिक्षण में शामिल होने से महिलाएं बेहतर तरीके से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकेंगी।
महिला अभ्यर्थियों के लिए व्यवस्था
गर्भवती महिला अभ्यर्थियों को डिलीवरी के बाद एक वर्ष का आराम और पुनः प्रशिक्षण में शामिल होने का मौका दिया जाएगा। इससे उनकी स्वास्थ्य और परिवारिक जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बन सकेगा और वे दक्षता के साथ अपनी पुलिस सेवा शुरू कर सकेंगी।
प्रशासन की तैयारी
पुलिस विभाग ने इस नई व्यवस्था को लेकर अभ्यर्थियों को पूर्व में भी सूचित किया है और प्रशिक्षण केंद्रों पर इस नियम का सख्ती से पालन कराया जाएगा। विभाग का कहना है कि यह कदम न केवल अभ्यर्थियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर लिया गया है, बल्कि इसका उद्देश्य पुलिस बल को प्रशिक्षित, स्वस्थ और सक्षम बनाना भी है।
महिलाओं के लिए पुलिस में बढ़ते अवसर
उत्तर प्रदेश में महिला पुलिस भर्ती में लगातार वृद्धि देखी जा रही है, जो समाज में महिलाओं की भागीदारी और सुरक्षा की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है। इस नई नीति से महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखने का मौका मिलेगा, जिससे वे लंबी अवधि तक प्रभावी रूप से पुलिस सेवा दे सकेंगी।