
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी के तहत जन सुराज के संस्थापक और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बेगूसराय में एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पेंशन योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य सरकार बुजुर्गों को जो 400 रुपये पेंशन देती है, वह उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए अपर्याप्त है। साथ ही, उन्होंने यह भी वादा किया कि उनकी पार्टी सत्ता में आने पर 60 साल से अधिक उम्र के हर नागरिक को 2000 रुपये पेंशन प्रदान करेगी।
नीतीश सरकार पर निशाना
प्रशांत किशोर ने बेगूसराय में अपनी जनसभा के दौरान कहा, "नीतीश कुमार पेंशन के नाम पर सिर्फ 400 रुपये दे रहे हैं। अगर कोई भिखारी सड़क पर भीख मांगता है, तो उसे भी 400 रुपये महीने से ज्यादा मिलते होंगे। महंगाई के इस दौर में 400 रुपये पेंशन देना बुजुर्गों का अपमान है।" उनका यह बयान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पेंशन योजनाओं पर सीधा हमला था, जिसमें उन्होंने इन योजनाओं को अपर्याप्त और वास्तविक जरूरतों को पूरा करने में असफल बताया।
जनता की सरकार का वादा
प्रशांत किशोर ने आगे कहा, "हमने तय किया है कि छठ के बाद जब बिहार में जनता की सरकार बनेगी, तो दिसंबर 2025 से 60 साल से ऊपर के हर पुरुष और महिला को 2000 रुपये पेंशन दी जाएगी।" इस वादे के जरिए उन्होंने अपने समर्थकों और राज्य की बुजुर्ग जनता को यह संदेश दिया कि उनकी पार्टी उनका ख्याल रखेगी और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाएगी।
महंगाई के दौर में आर्थिक सहायता की अहमियत
प्रशांत किशोर ने महंगाई के इस दौर को ध्यान में रखते हुए बुजुर्गों के लिए पेंशन योजना को और प्रभावी बनाने की बात की। उन्होंने कहा कि 400 रुपये की पेंशन से कोई बुजुर्ग अपना खर्च नहीं चला सकता, जबकि 2000 रुपये का योगदान उनकी स्थिति में सुधार ला सकता है और यह उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान कर सकता है।
पेंशन योजना की ऐतिहासिक महत्ता
प्रशांत किशोर का यह ऐलान एक ऐतिहासिक कदम माना जा सकता है, क्योंकि यह पेंशन योजना न केवल आर्थिक सहायता के रूप में बुजुर्गों के जीवन स्तर में सुधार करेगा, बल्कि यह एक बडे़ चुनावी मुद्दे के रूप में भी सामने आ सकता है। इस तरह के वादे अक्सर चुनावों में लोगों का ध्यान आकर्षित करते हैं और वोट बैंक को प्रभावित करते हैं।
राजनीतिक संदेश
प्रशांत किशोर की इस घोषणा ने यह साफ किया कि जन सुराज चुनाव में सिर्फ राजनीतिक मुद्दों पर बात नहीं करेगा, बल्कि सामाजिक सुरक्षा, बुजुर्गों की देखभाल और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में भी कदम उठाएगा। यह उनके नेतृत्व की दिशा और उद्देश्य को स्पष्ट करता है, जो न केवल विकास, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों के लिए भी काम करने का है।