प्रशांत किशोर का औरंगाबाद में हमला—'पीला रंग' बहाना, असली मुद्दों से भटक रहा एनडीए और तेज प्रताप यादव
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं और इसके साथ ही सियासी बयानबाजियां भी जोरों पर हैं। जन सुराज अभियान के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर लगातार प्रदेश के अलग-अलग जिलों का दौरा कर जनता से संवाद कर रहे हैं। इसी क्रम में मंगलवार (29 जुलाई, 2025) को वे औरंगाबाद के नबीनगर में 'बिहार बदलाव सभा' के तहत पहुंचे और जनता से संवाद किया।
कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए प्रशांत किशोर ने सत्ताधारी एनडीए और राजद नेता तेज प्रताप यादव पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “जब बात विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी की होती है, तब ये लोग पीले रंग की बात करने लगते हैं। पीला रंग असली मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने का एक बहाना है।”
'पीला रंग' बना सियासी तंज
तेज प्रताप यादव हाल ही में अपनी पोशाक के रंग को लेकर चर्चा में रहे थे, जब उन्होंने पीले रंग की पगड़ी और कुर्ता पहनकर एक सार्वजनिक मंच से सरकार पर हमला किया था। प्रशांत किशोर ने इसी को लेकर तंज कसते हुए कहा, “बिहार में युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा, किसान परेशान हैं, शिक्षा व्यवस्था बदहाल है, और ये नेता रंगों की राजनीति कर रहे हैं।”
उन्होंने सीधे-सीधे कहा कि राज्य की जनता अब रंगों और जातियों की राजनीति से ऊपर उठ चुकी है। “लोग अब समझ चुके हैं कि सिर्फ नारों और दिखावे से कुछ नहीं होता। बिहार बदलाव की दिशा में सोच रहा है, और इसी सोच को मजबूत करने हम हर जिले में जाकर लोगों से मिल रहे हैं,” किशोर ने कहा।
तेजस्वी यादव को भी घेरा
बातचीत के दौरान प्रशांत किशोर ने महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “बिहार की जनता ने आपको एक बार मौका दिया था, लेकिन आपने सिर्फ कुर्सी बचाने की राजनीति की। आपकी सरकार में भी बेरोजगारी कम नहीं हुई, शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ।”
लोगों से सीधे संवाद
प्रशांत किशोर का जन सुराज अभियान बिहार में गांव-गांव जाकर लोगों से संवाद पर आधारित है। वे जनता की समस्याएं सुनते हैं और स्थानीय स्तर पर बदलाव की बात करते हैं। नबीनगर के कार्यक्रम में भी बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे थे। किशोर ने कहा कि उनका उद्देश्य न तो मुख्यमंत्री बनना है और न ही किसी दल को हराना या जिताना। “हमारा मकसद है बिहार को एक नई दिशा देना, जहां न जाति देखी जाए, न रंग।”

