Samachar Nama
×

बिहार में अब ‘तालाब पर्यटन’ को मिलेगा बढ़ावा, ग्रामीण विकास और रोजगार को मिलेगा नया आयाम

बिहार में अब ‘तालाब पर्यटन’ को मिलेगा बढ़ावा, ग्रामीण विकास और रोजगार को मिलेगा नया आयाम

बिहार सरकार अब राज्य में वाटर टूरिज्म को केवल शहरों तक सीमित रखने के बजाय ग्रामीण क्षेत्रों तक विस्तार देने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसी कड़ी में सरकार जल्द ही “तालाब पर्यटन विकास योजना” की शुरुआत करने जा रही है। इस योजना के तहत राज्य के 5 एकड़ या उससे बड़े राजकीय और निजी तालाबों को पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित किया जाएगा।

इस महत्वाकांक्षी पहल का मकसद ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना, स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करना और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसरों का सृजन करना है।

क्या है योजना का स्वरूप?

पर्यटन विभाग के अनुसार, योजना की शुरुआत में जिन तालाबों की सतह 5 एकड़ या उससे अधिक होगी, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। ये तालाब या तो सरकारी होंगे या फिर निजी भूमि पर स्थित, लेकिन शर्त यह होगी कि निजी भूमि पर स्थित तालाबों के मालिक पर्यटन विकास की शर्तों को मानने के लिए तैयार हों।

इन तालाबों को विकसित करने के लिए:

  • बोटिंग, जेटी और वॉच टावर जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

  • तालाबों के किनारे रेस्ट एरिया, कैफेटेरिया, सोलर लाइटिंग और हरित पट्टी का निर्माण किया जाएगा।

  • स्थानीय कलाकारों और स्वयं सहायता समूहों को हस्तशिल्प और लोकसंस्कृति से जुड़े उत्पाद बेचने का अवसर मिलेगा।

पर्यटन के साथ ग्रामीण रोजगार

योजना का सबसे अहम पहलू यह है कि यह केवल पर्यटन को ही नहीं, बल्कि गांवों में आत्मनिर्भरता और स्वरोजगार को भी बढ़ावा देगी। स्थानीय युवाओं को गाइड, नाविक, कैफेटेरिया संचालक, हैंडीक्राफ्ट विक्रेता, साफ-सफाई कार्यकर्ता जैसे सीधे और परोक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे।

सरकार का मानना है कि यह योजना गांवों में पलायन की समस्या को भी कम करने में सहायक सिद्ध हो सकती है।

निजी भागीदारी को भी मिलेगा बढ़ावा

बिहार सरकार इस योजना में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर भी काम करेगी। निजी निवेशकों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे अपने क्षेत्र के तालाबों को पर्यटन स्थल में बदलने के लिए सरकार के साथ मिलकर निवेश करें।

इसके लिए संबंधित विभागों द्वारा डिजिटल पोर्टल भी विकसित किया जा रहा है, जहां इच्छुक व्यक्ति या संगठन आवेदन कर सकेंगे।

क्या कहती है सरकार?

पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, “बिहार में हजारों की संख्या में तालाब हैं, जिनका ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। अब समय आ गया है कि हम इन्हें सिर्फ जलस्रोत नहीं, बल्कि विकास के साधन के रूप में देखें।“

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने की बात करते हुए कहा था कि जल संसाधन और संस्कृति को जोड़कर एक नया मॉडल बनाया जा सकता है, जिससे न केवल पर्यावरण संरक्षण होगा, बल्कि रोजगार भी बढ़ेगा।

Share this story

Tags