
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा बिहार में एनडीए के मुख्यमंत्री (सीएम) फेस को लेकर दिए गए बयान ने राज्य की राजनीति में नया उबाल ला दिया है। अमित शाह के बयान ने बिहार के एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के भीतर सीएम फेस को लेकर उठ रहे सवालों को और भी गंभीर बना दिया है। इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है, खासकर जदयू (जनता दल यूनाइटेड) के भीतर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।
कई राजनीतिक विश्लेषक यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या जदयू की बेचैनी बढ़ गई है और पार्टी अब सीएम फेस को लेकर किसी स्पष्टता की दिशा में चलने की कोशिश कर रही है। जदयू के एमएलसी और पार्टी के प्रमुख अल्पसंख्यक नेता, खालिद अनवर, ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत करते हुए अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "कौन साहब क्या बोल रहे हैं, इसकी परवाह हमें नहीं है, न हम चिंता करते हैं।"
खालिद अनवर ने स्पष्ट तौर पर यह संदेश दिया कि जदयू इस मुद्दे पर एकदूसरे के बयानों को गंभीरता से नहीं ले रहा है। उनका यह बयान इस बात को रेखांकित करता है कि जदयू अपनी लाइन और रणनीति पर मजबूती से कायम है, और उन्हें किसी बाहरी दबाव से कोई फर्क नहीं पड़ता।
हालांकि, अमित शाह के बयान ने एनडीए के भीतर अंतर्कलह को उजागर किया है, खासकर जदयू और बीजेपी के रिश्तों को लेकर कयासों का दौर जारी है। बिहार में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं, और इस तरह के बयान इस समय राजनीतिक चर्चा का हिस्सा बन चुके हैं।
राजनीतिक विश्लेषक यह मानते हैं कि आगामी चुनावों के मद्देनजर सीएम फेस का मुद्दा और भी महत्वपूर्ण हो सकता है, और यह पूरी तरह से जदयू और बीजेपी के बीच शक्ति संतुलन और गठबंधन की मजबूती पर निर्भर करेगा।
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