बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक बयानबाजी तेज, लालू और प्रशांत किशोर के बीच जुबानी जंग

बिहार में विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राजनीतिक हलचल और बयानबाजी तेज होती जा रही है। राज्य में बढ़ते अपराध और खराब होती कानून-व्यवस्था को लेकर विपक्षी नेताओं के बीच जुबानी जंग का सिलसिला भी लगातार जारी है। ताजा मामला राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बयान से जुड़ा हुआ है, जिस पर जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
लालू यादव का नीतीश सरकार पर हमला
लालू यादव ने राज्य में बढ़ते अपराध और बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर नीतीश कुमार की सरकार पर निशाना साधा। उनका कहना था कि बिहार में अपराधी बेलगाम हो गए हैं और कानून-व्यवस्था की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। लालू यादव ने नीतीश सरकार की नाकामी को उजागर करते हुए आरोप लगाया कि सत्ता में रहते हुए नीतीश कुमार राज्य में अपराधियों पर कोई नियंत्रण नहीं पा सके हैं।
लालू का यह बयान विधानसभा चुनाव से पहले की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है, क्योंकि विपक्षी दल लगातार नीतीश सरकार को घेरने के प्रयास में जुटे हैं। उनके आरोपों का असर आगामी चुनावों में मतदाताओं पर पड़ सकता है।
प्रशांत किशोर का पलटवार
लालू यादव के बयान पर जन सुराज पार्टी के नेता और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी। प्रशांत किशोर ने लालू पर हमला करते हुए कहा कि उनका अपराध पर बात करना ऐसे ही है जैसे कोई बूढ़ा शेर यह कहे कि अब वह शाकाहारी हो जाएगा। प्रशांत किशोर ने यह बयान देते हुए यह इशारा किया कि लालू यादव के शासनकाल में भी बिहार में अपराध की स्थिति बेहतर नहीं थी, और अब उनकी ओर से अपराध पर चिंता जताना हास्यास्पद लगता है।
प्रशांत किशोर ने अपनी प्रतिक्रिया में यह भी कहा कि लालू यादव को पहले अपने शासनकाल में किए गए फैसलों पर पुनः विचार करना चाहिए और फिर किसी को कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सलाह देनी चाहिए। उनके अनुसार, लालू यादव के नेतृत्व में बिहार में अपराधियों का तांडव था, और अब उनका यही मुद्दा उठाना राजनीतिक बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है।
राजनीतिक बयानबाजी का असर विधानसभा चुनाव पर
राजनीतिक बयानबाजी का यह सिलसिला बिहार विधानसभा चुनाव से पहले और भी तेज होने की संभावना है। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार और विपक्षी पार्टियां दोनों एक-दूसरे पर हमले करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं। प्रशांत किशोर की टिप्पणी ने लालू यादव और उनके समर्थकों को निशाने पर लिया है, वहीं लालू यादव की बयानबाजी से नीतीश सरकार के खिलाफ माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
आने वाले दिनों में और भी राजनीतिक बयान सामने आ सकते हैं, जो बिहार की राजनीतिक तस्वीर को और जटिल बना सकते हैं। विधानसभा चुनाव के नजदीक होने के साथ ही यह राजनीतिक लड़ाई और भी तेज होने की संभावना है, जिसमें हर दल अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए विपक्ष पर हमला करने से नहीं हिचकेगा।