
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। इस बीच AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के महागठबंधन (INDIA Alliance) में शामिल होने की संभावनाओं ने राजनीतिक तापमान और बढ़ा दिया है। AIMIM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने इस संबंध में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखकर महागठबंधन में शामिल करने की मांग की है। उनका तर्क है कि सेक्युलर वोटों का बंटवारा रोकने के लिए AIMIM को गठबंधन में लिया जाना चाहिए।
आरजेडी का जवाब: चुनाव न लड़ें ओवैसी
इस प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्यसभा सांसद और आरजेडी के वरिष्ठ नेता मनोज झा ने कहा कि अगर ओवैसी सच में बीजेपी को हराना चाहते हैं, तो उन्हें बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। झा ने AIMIM पर अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी की 'बी-टीम' के रूप में काम करने का आरोप भी दोहराया।
जेडीयू की टिप्पणी: ओवैसी को याद दिलाया पुराना बयान
वहीं, जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें अपने पुराने बयानों पर टिके रहना चाहिए, जिनमें वह बिहार की सेक्युलर राजनीति और सामाजिक न्याय की धाराओं पर सवाल उठाते रहे हैं। नीरज कुमार ने AIMIM की भूमिका पर संदेह जताते हुए कहा कि यह पार्टी सिर्फ विपक्षी वोटों को काटने के लिए मैदान में उतरती है।
AIMIM की स्थिति और चुनौती
गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव 2020 में AIMIM ने सीमांचल क्षेत्र की पांच सीटों पर जीत दर्ज कर चौंका दिया था। यही कारण है कि 2025 में भी पार्टी इस इलाके में अपनी पकड़ बनाए रखने की कोशिश कर रही है। पार्टी के नेता लगातार इस बात को दोहरा रहे हैं कि महागठबंधन में शामिल होकर भाजपा को हराना उनकी प्राथमिकता है।