पटना के पारस अस्पताल हत्याकांड में बड़ा खुलासा, मुख्य शूटर तौसीफ ने कबूला जुर्म
पटना के पारस अस्पताल में हुए कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा हत्याकांड में एक अहम मोड़ आया है। इस मामले में पटना पुलिस ने मंगलवार को मुख्य आरोपी तौसीफ उर्फ बादशाह को बेउर जेल से 72 घंटे की रिमांड पर लेकर गहन पूछताछ की, जिसमें उसने पूरी साजिश की परतें खोल दीं। तौसीफ ने स्वीकार किया कि वही इस हत्या का मास्टरमाइंड था और उसने इस अपराध को पूरी योजना के तहत अंजाम दिया।
जानकारी के अनुसार, पूछताछ में तौसीफ ने बताया कि वारदात के तुरंत बाद वह पटना से फरार होकर सीधे कोलकाता चला गया था। वहां उसने अपनी पहचान छुपाने के लिए एक सैलून में ऑनलाइन बुकिंग करवा कर हेयरकट करवाया। इस पूरी प्रक्रिया को उसने बेहद सोच-समझकर अंजाम दिया ताकि पुलिस की नजरों से बच सके।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, तौसीफ ने बताया कि हत्या की साजिश पहले ही रची जा चुकी थी और इसके लिए बाकायदा एक टीम तैयार की गई थी। अब तक इस केस में 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें 5 शूटर और 2 महिलाएं भी शामिल हैं। इन सभी को अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया गया। सभी आरोपियों की पहचान सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और स्थानीय सुरागों के आधार पर की गई।
जिस दिन चंदन मिश्रा की हत्या हुई थी, उसी दिन अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे में तौसीफ सबसे आगे बिना किसी खौफ के चलता हुआ नजर आया था। वह सीधे अस्पताल में घुसा और अपने साथियों के साथ मिलकर दिनदहाड़े चंदन मिश्रा पर गोलियों की बौछार कर दी। अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई थी। तौसीफ के चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी, जिससे उसकी हिम्मत और अपराध के प्रति बेखौफ रवैया जाहिर होता है।
पुलिस को पूछताछ में यह भी पता चला है कि इस हत्या के पीछे केवल पैसों की वजह नहीं थी, बल्कि एक आपराधिक वर्चस्व की लड़ाई और पुरानी दुश्मनी भी शामिल थी। चंदन मिश्रा खुद भी कई आपराधिक मामलों में शामिल था, और यह हत्या गैंगवार का हिस्सा मानी जा रही है।
पुलिस अधीक्षक (नगर) ने बताया कि तौसीफ से अब अन्य आरोपियों के संबंध, हथियारों की आपूर्ति, और भागने में मदद करने वालों की जानकारी भी ली जा रही है। जल्द ही इस केस में और भी खुलासे होने की उम्मीद है। पुलिस का कहना है कि वह इस हत्याकांड की तह तक जाकर पूरा नेटवर्क ध्वस्त करेगी।
यह हत्याकांड न सिर्फ राजधानी पटना, बल्कि पूरे बिहार में कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल बनकर उभरा था। अब जब मुख्य आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है, तो पुलिस को न्यायिक प्रक्रिया को जल्द मुकाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी निभानी होगी।

