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पटना-गया सड़क निर्माण बना मजाक, सड़क के बीचों-बीच खड़ा पेड़ बना हादसे का कारण, लोग बोले- ये विकास है या लापरवाही

पटना-गया सड़क निर्माण बना मजाक, सड़क के बीचों-बीच खड़ा पेड़ बना हादसे का कारण, लोग बोले- ये विकास है या लापरवाही?

बिहार में बन रही एक सड़क इन दिनों चर्चा और आलोचना दोनों का विषय बनी हुई है। मामला है पटना से गया जी की ओर बन रही सड़क का, जहां जहानाबाद में डीएम ऑफिस के पास करीब 100 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण कार्य किया जा रहा है। लेकिन इस भारी-भरकम बजट वाली सड़क के बीचों-बीच एक पेड़ खड़ा रह गया है, जो अब जानलेवा खतरा बनता जा रहा है।

बीच सड़क में पेड़, लोग बोले- ऐसा भी होता है?

इस सड़क पर जो भी वाहन चालक या राहगीर गुजर रहा है, वह हैरत में पड़ जाता है। सड़क के ठीक बीचोबीच खड़ा पेड़ न सिर्फ सड़क इंजीनियरिंग की विफलता दिखाता है, बल्कि यह आने-जाने वालों के लिए गंभीर खतरा बन गया है। सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें और वीडियो वायरल हो चुके हैं और लोग सवाल पूछ रहे हैं कि –

"क्या 100 करोड़ खर्च करने के बाद भी किसी ने यह नहीं देखा कि बीच सड़क में पेड़ खड़ा है?"

हादसे को न्योता दे रहा यह पेड़

स्थानीय लोगों का कहना है कि रात के समय यह पेड़ और भी खतरनाक हो जाता है, क्योंकि स्ट्रीट लाइट या रिफ्लेक्टर की व्यवस्था नहीं है। कई बाइक सवार तो बाल-बाल बच चुके हैं। यह लापरवाही किसी बड़े हादसे को जन्म दे सकती है।

जिम्मेदार कौन?

जब इस मामले पर निर्माण एजेंसी और संबंधित अधिकारियों से सवाल किए गए, तो एक-दूसरे पर जिम्मेदारी टालने का खेल शुरू हो गया। कोई कह रहा है कि पेड़ हटाने की अनुमति वन विभाग से नहीं मिली, तो कोई कहता है कि यह अस्थायी समस्या है, जल्द समाधान कर लिया जाएगा।

हालांकि स्थानीय प्रशासन का कहना है कि,

“पेड़ को हटाने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है, संबंधित विभागों से अनुमति मांगी गई है और जल्द ही कार्रवाई होगी।”

जनता में नाराजगी

जहानाबाद के निवासियों का कहना है कि अगर सड़क निर्माण से पहले ही उचित योजना बनाई जाती, तो इस तरह की स्थिति आती ही नहीं। जनता पूछ रही है कि अगर इतनी बड़ी राशि खर्च की जा रही है, तो योजना और डिजाइन में ऐसी चूक कैसे हो गई?

विपक्ष ने साधा निशाना

इस मामले पर विपक्ष ने भी सरकार और प्रशासन पर तीखा हमला बोला है। राजद और कांग्रेस नेताओं ने कहा कि:

“बिहार में विकास कार्यों का यही हाल है। 100 करोड़ की सड़क में भी एक पेड़ नहीं हटवा सकते, और दावा करते हैं स्मार्ट बिहार का।”

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