चुनाव आयोग के मतदाता पुनरीक्षण अभियान पर पप्पू यादव का विवादित विरोध, सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल

बिहार में चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे विशेष सघन मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य को लेकर पूर्व राजद नेता पप्पू यादव ने विरोध जताया है। पप्पू यादव ने इस संबंध में सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक पोस्ट किया है, जो तेजी से वायरल हो रहा है और राजनीतिक हलचलों को जन्म दे रहा है।
पप्पू यादव का पोस्ट
अपने पोस्ट में पप्पू यादव ने बिहार के आम लोगों, युवाओं, दलित और अति पिछड़े वर्ग के लोगों से अपील की है कि वे अपने गांव में बीएलओ (बेसिक लॉगल ऑफिसर) और अन्य चुनाव कर्मियों को घर में प्रवेश करने न दें। उन्होंने कहा कि यदि कोई जबरदस्ती आए तो चाय-पानी कर विदा कर दें, लेकिन कोई कागजात या जानकारी साझा न करें।
उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, "देखते हैं ये कैसे मतदाता पुनरीक्षण की नौटंकी करते हैं! सविनय अवज्ञा, पूर्ण बहिष्कार!" इस पोस्ट के बाद चुनाव आयोग और राज्य प्रशासन में सतर्कता बढ़ा दी गई है।
राजनीतिक और प्रशासनिक प्रतिक्रियाएं
चुनाव आयोग और राज्य सरकार ने इस विवादित बयान को लेकर गंभीरता दिखाई है। अधिकारियों ने बताया कि मतदाता सूची पुनरीक्षण एक संवेदनशील प्रक्रिया है, जो लोकतंत्र की मजबूती के लिए जरूरी है। ऐसे में किसी भी प्रकार की बाधा चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है।
राजनीतिक पार्टियों ने भी इस मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ दलों ने पप्पू यादव के इस पोस्ट की निंदा की है और कहा है कि यह जनता को भ्रमित करने की कोशिश है, जबकि अन्य कुछ समर्थक इसे सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ सविनय अवज्ञा का आंदोलन बताते नजर आ रहे हैं।
चुनाव प्रक्रिया पर असर
विशेष सघन मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान इस तरह के बयान मतदाता जागरूकता और चुनावी निष्पक्षता को प्रभावित कर सकते हैं। चुनाव आयोग ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इस प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता और सुरक्षा के साथ पूरा करें।