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पप्पू यादव का बड़ा बयान: “कांग्रेस के बिना नहीं हरा सकते NDA को, बिहार का चुनाव राहुल गांधी के नेतृत्व में लड़ना जरूरी”

पूर्णिया के निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने गुरुवार को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बड़ा राजनीतिक बयान दिया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि एनडीए को हराना है तो कांग्रेस के बिना यह संभव नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार में....
पप्पू यादव का बड़ा बयान: “कांग्रेस के बिना नहीं हरा सकते NDA को, बिहार का चुनाव राहुल गांधी के नेतृत्व में लड़ना जरूरी”

पूर्णिया के निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने गुरुवार को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बड़ा राजनीतिक बयान दिया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि एनडीए को हराना है तो कांग्रेस के बिना यह संभव नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार में आगामी चुनाव राहुल गांधी के नेतृत्व में लड़ा जाना चाहिए, तभी महागठबंधन को सफलता मिल सकती है।

पप्पू यादव ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब महागठबंधन के एक प्रमुख चेहरे, मुकेश सहनी द्वारा खुद को संभावित उपमुख्यमंत्री के तौर पर पेश किए जाने की बात सामने आई। इस पर उन्होंने प्रतिक्रिया दी कि यह मुकेश सहनी की व्यक्तिगत राय है, और उन्हें अपनी मांग रखने का पूरा अधिकार है। लेकिन उन्होंने खुद को कांग्रेस का कार्यकर्ता बताते हुए कहा कि आज भी सभी वर्गों—एसटी, एससी, ओबीसी, अल्पसंख्यक और ऊंची जातियों के बीच राहुल गांधी के प्रति सम्मान है। उन्होंने कहा, "बिना कांग्रेस के एनडीए को हराना संभव नहीं है।"

उन्होंने आगे कहा कि आज के समय में राष्ट्र और स्वाभिमान के सवालों पर, साथ ही युवाओं के मुद्दों को लेकर पूरे देश की उम्मीद राहुल गांधी से जुड़ी है। उनका मानना है कि बिहार के चुनाव में राहुल गांधी के नेतृत्व को स्वीकार किए बिना राजनीतिक सफलता नहीं मिल सकती।

सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर भी पप्पू यादव ने तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पिछले 15 सालों की राजद सरकार और 20 सालों की एनडीए सरकार दोनों ने मिलकर बिहार की हालत खराब की है। उनका आरोप है कि आज बिहार का स्वास्थ्य विभाग सबसे बदहाल स्थिति में है। कहीं अल्ट्रासाउंड मशीन नहीं है, तो कहीं सीटी स्कैन या एमआरआई जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में सिर्फ ठेकेदारी और भवन निर्माण के नाम पर पैसे की बंदरबांट हो रही है। "भवन बनेंगे, फिर वसूली होगी, लेकिन न डॉक्टर मिलेंगे न दवाइयां," उन्होंने कहा। उन्होंने तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा और याद दिलाया कि वह भी चार साल तक उपमुख्यमंत्री रहे और स्वास्थ्य विभाग उनके अधीन था। लेकिन कोई उल्लेखनीय सुधार नहीं हुआ।

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर भी उन्होंने तंज कसा और कहा कि एक मंत्री को आलोचना सहनी चाहिए। पप्पू यादव ने कहा कि जब कोई स्वास्थ्य मंत्री होता है, तो लोगों की उससे अपेक्षाएं होती हैं, लेकिन आज विभाग की हालत बहुत खराब है। इस पूरे बयान से स्पष्ट है कि पप्पू यादव ना सिर्फ कांग्रेस को केंद्रीय भूमिका में देखना चाहते हैं, बल्कि वे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था की नाकामी को भी चुनावी मुद्दा बनाना चाहते हैं। उनका यह बयान आगामी बिहार विधानसभा चुनाव की राजनीति को नई दिशा दे सकता है।

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