ओवैसी की पार्टी ने महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई, NDA के लिए नया संकट

राजनीतिक परिदृश्य में एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला है, जहां असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी, जो अक्सर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के बीच समीकरण बिगाड़ती रही है, अब महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जता रही है। पिछले दिनों सोशल मीडिया पर यह बात तेजी से फैल रही थी कि ओवैसी मुसलमानों को ठगने वाले RJD के बजाय असल हितैषी हैं।
ओवैसी की पार्टी ने महागठबंधन के सभी घटक दलों को पत्र लिखकर BJP के खिलाफ वोटों के बंटवारे को रोकने का आग्रह किया है। यह कदम NDA के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है, खासकर तब जब पिछली बार ओवैसी की पार्टी के पांच विधायक बने थे, जिनमें से चार तेजस्वी यादव के साथ चले गए थे।
ओवैसी ने पहले इसे ‘चोरी’ करार दिया था और इसके परिणाम भुगतने को तैयार रहने की बात कही थी। लेकिन अब उनका यह महागठबंधन में शामिल होने का कदम स्पष्ट करता है कि वे भाजपा विरोधी ताकतों को एकजुट करने में सक्रिय भूमिका निभाना चाहते हैं। यह राजनीतिक बदलाव आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के समीकरणों को प्रभावित कर सकता है और भाजपा के लिए चुनौती बढ़ा सकता है।