बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान पूरे जोर-शोर से चल रहा है। इसी क्रम में सीतामढ़ी जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। अधिकारियों की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, वोटर लिस्ट में 90,698 मृत मतदाताओं के नाम दर्ज पाए गए हैं, जिन्हें अब सूची से हटाया जाएगा।
यह पुनरीक्षण कार्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर राज्यभर में सख्ती से किया जा रहा है। वहीं, विपक्ष इसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप और राजनीतिक हाय-तौबा कर रहा है। इस मुद्दे को लेकर कुछ विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट तक का रुख भी किया, लेकिन कोर्ट से उन्हें फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है।
जिला प्रशासन की कार्रवाई
सीतामढ़ी के जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि विभिन्न स्तरों से प्राप्त जानकारी और बीएलओ द्वारा किए गए सत्यापन के आधार पर इन मृत मतदाताओं की पहचान की गई है। आने वाले दिनों में इन नामों को मतदाता सूची से हटाने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
चुनावी पारदर्शिता पर जोर
इस कार्य के पीछे निर्वाचन आयोग की मंशा चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाना है। बड़ी संख्या में मृत मतदाताओं के नाम सूची में बने रहने से फर्जी मतदान की आशंका बनी रहती है, जिससे लोकतांत्रिक व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
विपक्ष का आरोप
वहीं, विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार चुनावी लाभ के लिए वोटर लिस्ट में हेरफेर करवा रही है। कई स्थानों पर शिकायत की जा रही है कि जीवित लोगों का नाम भी हटाया जा रहा है या स्थानांतरित कर दिया गया है। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि हर शिकायत का निष्पक्ष जांच के बाद ही निर्णय लिया जा रहा है।

