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गया जिले में दो लाख से अधिक मतदाताओं की गहन पड़ताल, विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज़

गया जिले में दो लाख से अधिक मतदाताओं की गहन पड़ताल, विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज़

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर प्रशासनिक तैयारियों ने रफ्तार पकड़ ली है। जिले में मतदाता सूची को लेकर व्यापक स्तर पर जांच-पड़ताल की जा रही है। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिले के 2 लाख 45 हजार 728 मतदाताओं की गहन जांच हो रही है ताकि फर्जी, मृत, दोहरे या गलत प्रविष्टियों को हटाया जा सके।

जिले के कुल सात विधानसभा क्षेत्रों में 2,263 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनसे जुड़े मतदाताओं की कुल संख्या 24 लाख 414 दर्ज की गई है। ये आंकड़े निर्वाचन कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, अब तक 21 लाख 54 हजार 860 मतदाताओं का गणना प्रपत्र अपलोड किया जा चुका है, जो निर्वाचन प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को दर्शाता है।

2003 के रिकॉर्ड का भी मिलान

बड़ी बात यह है कि वर्तमान सूची को 2003 के मतदाता सूची के साथ मिलान कर पुराने रिकॉर्ड की भी जांच की जा रही है। वर्ष 2003 की सूची में 9 लाख 67 हजार 389 मतदाताओं के नाम दर्ज थे। इस तुलना के आधार पर यह तय किया जा रहा है कि किन मतदाताओं के नाम वर्षों से सूची में बने हुए हैं और उनमें से कितने वास्तविक रूप से अब भी जिले में निवास कर रहे हैं या जीवित हैं।

फील्ड वेरिफिकेशन से तय होगी सूची की शुद्धता

चुनाव आयोग के निर्देश के तहत बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) द्वारा घर-घर जाकर मतदाता सूची की जांच की जा रही है। अधिकारी यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सूची में शामिल प्रत्येक मतदाता का नाम, पता और अन्य विवरण सही हो। जिन लोगों के नाम दोहरे या गलत तरीके से सूची में पाए जा रहे हैं, उन्हें या तो हटाया जा रहा है या सुधार हेतु नोटिस जारी किया जा रहा है।

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपलोड हो रहे दस्तावेज

मतदाताओं से संबंधित सभी दस्तावेज और फॉर्म अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपलोड किए जा रहे हैं। इससे प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहेगी और गलत प्रविष्टियों की तुरंत पहचान कर सुधार किया जा सकेगा। इस पूरे काम में ईआरओ (Electoral Registration Officer) और जिला निर्वाचन पदाधिकारी की निगरानी में अलग-अलग टीमें कार्य कर रही हैं।

चुनाव आयोग की मंशा: शत-प्रतिशत शुद्ध मतदाता सूची

चुनाव आयोग का स्पष्ट निर्देश है कि आगामी विधानसभा चुनावों में एक भी फर्जी या अवैध मतदाता सूची में शामिल न रहे। इसलिए जिले में मतदाता सत्यापन अभियान को विशेष प्राथमिकता दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि यह कार्य पूरी पारदर्शिता और गंभीरता के साथ किया जा रहा है।

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