बिहार में महिलाओं की ड्राइविंग में बढ़ी भागीदारी, 1.29 लाख से अधिक महिलाएं बनीं ड्राइविंग लाइसेंस धारक

बिहार की महिलाएं अब उन क्षेत्रों में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रही हैं, जिन्हें पहले तक पुरुषों तक सीमित माना जाता था। खासकर वाहन चलाने के मामले में, जहां पहले यह केवल पुरुषों का डोमेन माना जाता था, अब महिलाएं भी ड्राइविंग लाइसेंस धारक बनने की दिशा में बढ़ रही हैं। राज्य में 2018 से अब तक 1 लाख 29 हजार से अधिक महिलाएं दोपहिया और चारपहिया वाहनों की ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त कर चुकी हैं। यह आंकड़ा बिहार में महिलाओं की सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम को दर्शाता है।
पटना और मुजफ्फरपुर की महिलाएं सबसे आगे
परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पटना जिले की 29,417 महिलाओं ने सबसे अधिक ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त किए हैं, जो इस बदलाव का प्रमुख केंद्र बन चुका है। इसके बाद मुजफ्फरपुर जिले की 18,560 महिलाएं लाइसेंस प्राप्त करने में सफल रही हैं। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि महिलाएं अब सड़क पर अपनी पहचान बना रही हैं और अपनी स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं।
महिलाएं क्यों ले रही हैं ड्राइविंग लाइसेंस?
इस बढ़ती संख्या के पीछे आर्थिक और सामाजिक बदलाव को मुख्य कारण माना जा रहा है। जहां पहले महिलाएं घर के दायरे में ही सीमित रहती थीं, वहीं अब वे घर-परिवार की जिम्मेदारियों के साथ-साथ आर्थिक स्वतंत्रता की ओर भी बढ़ रही हैं। महिलाएं ऑफिस, व्यवसाय, शिक्षा, और परिवार की गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल हो रही हैं, और इसके लिए उन्हें स्वतंत्रता से वाहन चलाने की आवश्यकता महसूस हो रही है।
इसके अलावा, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं के चलते महिलाओं के शिक्षा और सशक्तिकरण में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे वे आत्मनिर्भर बनने के लिए विभिन्न कार्यों में शामिल हो रही हैं। ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
राज्य सरकार की पहल
बिहार सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं, जिनमें महिलाओं को विभिन्न कौशल विकास प्रशिक्षण देने से लेकर, उन्हें समान अवसर और सुरक्षा प्रदान करने तक के कदम उठाए गए हैं। परिवहन विभाग ने महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं और सस्ती फीस भी शुरू की हैं, जिससे ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करना उनके लिए सरल और सुलभ हो गया है।
समाज में सकारात्मक बदलाव
यह कदम न केवल महिलाओं के लिए आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने का रास्ता खोलता है, बल्कि समाज में उनकी स्थिति को भी मजबूत करता है। अब महिलाएं परिवार के हर सदस्य की तरह स्वतंत्र रूप से यात्रा कर सकती हैं, और इससे उन्हें व्यावसायिक जीवन में भी अवसर मिल रहे हैं।