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बिहार में कानून-व्यवस्था पर विपक्ष का हमला, जदयू बोली - ‘लॉ एंड ऑर्डर बिल्कुल परफेक्ट’, संजय झा का बयान चर्चा में

बिहार में कानून-व्यवस्था पर विपक्ष का हमला, जदयू बोली - ‘लॉ एंड ऑर्डर बिल्कुल परफेक्ट’, संजय झा का बयान चर्चा में

बिहार में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार विपक्ष के निशाने पर है। लगातार हो रही हत्या, लूट और अन्य आपराधिक घटनाओं के बीच विपक्ष ने 'महाजंगलराज' का आरोप लगाते हुए नीतीश सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं।

इस बीच नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) की ओर से बड़ा बयान सामने आया है। सोमवार, 7 जुलाई को पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए राज्यसभा सांसद संजय झा ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा —

“बिहार में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बिल्कुल परफेक्ट है। घटनाएं कहीं भी हो सकती हैं। एक-दो घटनाओं को आधार बनाकर पूरे राज्य की छवि को खराब करना ठीक नहीं।”

🔹 विपक्ष का हमला

हाल ही में राज्य के विभिन्न जिलों में हुई हत्या, अपहरण, महिला अपराध और पुलिस मुठभेड़ों को लेकर राजद, कांग्रेस और वाम दलों ने सरकार को घेरते हुए कहा कि राज्य में कानून का राज खत्म हो चुका है। राजद नेताओं ने तो यहां तक कह दिया कि "नीतीश कुमार का अब प्रशासन पर कोई नियंत्रण नहीं बचा है। बिहार में महाजंगलराज लौट चुका है।"

राजद प्रवक्ता मनोज झा ने सवाल उठाते हुए कहा,

“हर दिन आम लोगों की हत्या हो रही है, बच्चियों से दुष्कर्म, अपहरण, रंगदारी और खुलेआम गोलीबारी की घटनाएं बढ़ रही हैं। ये कैसा सुशासन है?”

🔹 संजय झा का बचाव

इस पर जदयू नेता और राज्यसभा सांसद संजय झा ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष केवल राजनीतिक रोटियां सेंकने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस हर घटना पर तत्परता से कार्रवाई कर रही है और कई मामलों में त्वरित गिरफ्तारी भी हुई है।

“सिर्फ बिहार को टारगेट कर लॉ एंड ऑर्डर को लेकर भ्रम फैलाना विपक्ष की आदत बन गई है। अपराध एक राष्ट्रीय चुनौती है, लेकिन बिहार में सरकार पूरी तरह सजग है।”

🔹 जनता में चिंता

हालांकि, ग्राउंड लेवल पर लोगों में भय और असंतोष का माहौल दिखाई देता है। सोशल मीडिया पर भी कई वायरल वीडियो और रिपोर्टें राज्य में बदहाल कानून-व्यवस्था की ओर इशारा कर रही हैं।

वहीं राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले 2025 विधानसभा चुनावों से पहले कानून-व्यवस्था एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है, और इस पर सरकार को जनता के बीच ठोस जवाब देना होगा।

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