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कटिहार में दीवार ढहने से बड़ा हादसा, एक मजदूर की मौत, तीन गंभीर रूप से घायल

कटिहार में दीवार ढहने से बड़ा हादसा, एक मजदूर की मौत, तीन गंभीर रूप से घायल

बिहार के कटिहार जिले से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है। कोढ़ा प्रखंड अंतर्गत गेड़ाबाड़ी बस्ती में शुक्रवार देर रात एक कच्चे मकान की दीवार ढहने से एक मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के वक्त मजदूर मक्के की फसल की तैयारी में जुटे हुए थे।

घटना देर रात की बताई जा रही है जब करीब 9 से 11 मजदूर एक पुराने मकान के पास काम कर रहे थे। बताया जा रहा है कि सभी मजदूर मक्के की फसल की बोरियां एकत्र कर रहे थे और उसी दौरान अचानक मकान की दीवार भरभरा कर गिर पड़ी। दीवार की चपेट में आने से चार मजदूर गंभीर रूप से दब गए। मौके पर मौजूद अन्य मजदूरों ने शोर मचाया और स्थानीय लोगों की मदद से मलबे में दबे मजदूरों को बाहर निकाला गया।

मलबे से बाहर निकाले गए मजदूरों में से एक की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की पहचान इस्लामपुर भारसिया निवासी इस्ताक (उम्र लगभग 22 वर्ष) के रूप में हुई है। बाकी तीन घायलों को तुरंत कटिहार सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों की एक विशेष टीम द्वारा उनका इलाज किया जा रहा है।

हादसे की सूचना मिलते ही कोढ़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी गई है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि मकान की दीवार काफी जर्जर स्थिति में थी और हल्के झटकों में भी गिर सकती थी, लेकिन मजदूरों को इस खतरे का अंदाजा नहीं था।

स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार प्रशासन को इस प्रकार के जर्जर निर्माण की जानकारी दी गई थी, लेकिन कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई। इस हादसे के बाद इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार को मुआवजा देने और घायल मजदूरों के बेहतर इलाज की मांग की है।

प्रशासन की ओर से मृतक के परिजनों को तत्काल सहायता राशि देने की घोषणा की गई है। इसके साथ ही घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हादसे के वक्त मजदूरों को उस स्थान पर काम करने की अनुमति किसने दी थी।

इस हृदयविदारक घटना ने एक बार फिर मजदूरों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन से मांग की जा रही है कि जर्जर मकानों की सूची तैयार कर उनके पुनर्निर्माण या ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाए, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।

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