
कटिहार, बिहार से एक बड़ी और दुखद खबर सामने आई है। कटिहार-बरौनी रेलखंड पर शुक्रवार को एक बड़ा रेल हादसा हो गया, जिसमें एक रेलकर्मी की मौके पर ही मौत हो गई जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। यह हादसा सोनपुर रेल मंडल के अंतर्गत काढागोला और सेमापुर स्टेशनों के बीच महारानी गांव के पास हुआ, जिसने रेलवे प्रशासन और स्थानीय लोगों को झकझोर कर रख दिया।
घटना सुबह उस वक्त घटी जब डाउन लाइन पर बरौनी की ओर से आ रही 15910 अवध असम एक्सप्रेस अचानक एक रेलवे ट्रॉली से टकरा गई। रेलवे ट्रॉली पर चार रेलकर्मी सवार थे, जो मेंटेनेंस कार्यों के सिलसिले में ट्रैक पर निकले थे। ट्रेन की रफ्तार अधिक होने के कारण ट्रॉली को हटाने का समय नहीं मिल सका और जोरदार टक्कर हो गई। इस हादसे में एक ट्रॉलीमैन की मौके पर ही मौत हो गई जबकि तीन अन्य रेलकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें आनन-फानन में नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
घटना की सूचना मिलते ही रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी, आरपीएफ और स्थानीय पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई। राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू कर दिए गए। कटिहार रेल मंडल और सोनपुर रेल मंडल के अफसरों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और हादसे के कारणों की जांच के आदेश दे दिए हैं। रेलवे ने हादसे को लेकर प्राथमिक जांच शुरू कर दी है और यह जानने की कोशिश की जा रही है कि ट्रॉली को उस समय ट्रैक पर क्यों लाया गया जब एक्सप्रेस ट्रेन गुजरने वाली थी। क्या यह मानव त्रुटि थी या फिर संचार व्यवस्था की चूक – इसकी तह तक जाने के लिए एक जांच समिति का गठन किया गया है।
रेलवे प्रशासन ने मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है। साथ ही, घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था की जा रही है। रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि ट्रेन को कुछ देर के लिए रोका गया था, लेकिन बाद में उसे गंतव्य की ओर रवाना कर दिया गया। हादसे के बाद इस रूट पर कुछ समय तक रेल यातायात प्रभावित रहा, जिसे धीरे-धीरे सामान्य किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ट्रैक पर अक्सर ऐसे तकनीकी कार्य किए जाते हैं, लेकिन सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण इस तरह की दुर्घटनाएं होती हैं। उन्होंने रेलवे से अपील की है कि भविष्य में इस तरह के हादसों से बचने के लिए बेहतर सुरक्षा उपाय किए जाएं।
गौरतलब है कि अवध असम एक्सप्रेस ट्रेन पूर्वोत्तर भारत के प्रमुख मार्गों में से एक है और इसमें रोजाना हजारों यात्री सफर करते हैं। ऐसे में इस तरह की लापरवाही ना केवल रेलकर्मियों की जान के लिए खतरा बनती है बल्कि यात्रियों की सुरक्षा पर भी सवाल उठाती है।