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नीतीश सरकार का चुनावी दांव, पत्रकारों को 15 हजार की पेंशन, बिजली फ्री, मेट्रो की सौगात से लेकर कांवरियों की आस्था तक चर्चा में बिहार

नीतीश सरकार का चुनावी दांव: पत्रकारों को 15 हजार की पेंशन, बिजली फ्री, मेट्रो की सौगात से लेकर कांवरियों की आस्था तक चर्चा में बिहार

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की आहट के बीच नीतीश सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम मानसून सत्र को अलविदा कह दिया है। 25 जुलाई को समाप्त हुए सत्र में सरकार ने न केवल आगामी वित्तीय वर्ष की रूपरेखा तय की बल्कि कई अहम विधेयकों को भी पारित कराया। पांच दिवसीय इस सत्र में कुल 13 राजकीय विधेयक पारित हुए, वहीं सात अल्पसूचित, 546 तारांकित और 64 अतारांकित प्रश्नों पर जवाब दिए गए। इसके अलावा 98 ध्यानाकर्षण सूचनाएं भी आईं, जो दर्शाती हैं कि सत्र में जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई।

इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों के लिए एक बड़ी घोषणा करते हुए "पत्रकार सम्मान पेंशन योजना" की राशि को 6 हजार रुपए से बढ़ाकर 15 हजार रुपए प्रतिमाह कर दिया है। उन्होंने इस फैसले की जानकारी स्वयं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से साझा की। पत्रकारों के लिए यह एक बड़ी राहत मानी जा रही है और इसे चुनाव से पहले एक अहम कदम के रूप में देखा जा रहा है।

राज्य सरकार इससे पहले फ्री बिजली योजना की घोषणा कर चुकी है, जिसके तहत अब हर परिवार को प्रति माह 125 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी। इन फैसलों को आगामी चुनावों की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है, जहां नीतीश सरकार मतदाताओं को साधने के लिए लोकलुभावन घोषणाएं कर रही है।

वहीं, दूसरी ओर विपक्ष भी पीछे नहीं है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भी संगठन को मज़बूती देने की कवायद शुरू कर दी है। पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने विभिन्न प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय अध्यक्षों की नई सूची जारी कर दी है। इसके अलावा, उन्होंने अपने बेटे तेजस्वी यादव की तारीफ करते हुए लिखा, "अकेले तेजस्वी ने बिहार में इनके पसीने छुड़ा रखे हैं।" यह बयान साफ तौर पर NDA पर निशाना था, जिससे स्पष्ट है कि महागठबंधन भी चुनावी जंग के लिए पूरी तरह से तैयार है।

इन सबके बीच सरकार ने राजधानी पटना को मेट्रो की सौगात देने की योजना बनाई है। 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस के दिन पटना मेट्रो के प्राथमिक कॉरिडोर पर मेट्रो परिचालन शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर दो शिफ्टों में जारी है।

सावन के पवित्र महीने में कांवर यात्रा भी पूरे जोश और श्रद्धा के साथ चल रही है। पटना सिटी के कंकड़बाग स्थित योगीपुरी शिव मंदिर समिति से हर साल की तरह इस बार भी 108 फीट लंबे कांवर के साथ सैकड़ों श्रद्धालु बाबाधाम की ओर रवाना हुए हैं। यह जत्था पिछले 15 वर्षों से लगातार यह परंपरा निभा रहा है।

कुल मिलाकर, बिहार इस समय धार्मिक आस्था, राजनीतिक बयानबाजी और चुनावी सौगातों के मेल का अद्भुत उदाहरण बना हुआ है। अब देखना यह है कि नीतीश सरकार की ये घोषणाएं और विपक्ष की रणनीति चुनावी नतीजों में किसे लाभ पहुंचाती हैं।

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