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पीएफआई मामले में बड़ा खुलासा, एनआईए ने सज्जाद आलम के खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल की, दुबई से अवैध फंडिंग का आरोप

पीएफआई मामले में बड़ा खुलासा: एनआईए ने सज्जाद आलम के खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल की, दुबई से अवैध फंडिंग का आरोप

देश विरोधी गतिविधियों में शामिल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े एक और अहम चेहरे पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शिकंजा कस दिया है। बुधवार को एनआईए ने पीएफआई के सक्रिय कैडर मोहम्मद सज्जाद आलम के खिलाफ पटना की विशेष अदालत में पूरक आरोप पत्र (Supplementary Chargesheet) दाखिल किया।

एनआईए की जांच में यह सामने आया है कि सज्जाद आलम ने दुबई से बिहार में अवैध रूप से धन भेजकर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने का काम किया

क्या हैं सज्जाद आलम पर आरोप?

  • वह पीएफआई का सक्रिय सदस्य था और संगठन की गतिविधियों को गोपनीय रूप से संचालित कर रहा था।

  • एनआईए के अनुसार, उसने विदेश से फंड मंगवाकर बिहार में पीएफआई की राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को आर्थिक मदद दी।

  • दुबई से भेजे गए फंड का उपयोग युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा की ओर मोड़ने, प्रशिक्षण देने और देशविरोधी अभियान चलाने में किया गया।

पूरक चार्जशीट में क्या है खास?

एनआईए द्वारा दाखिल की गई इस पूरक चार्जशीट में सज्जाद आलम की भूमिका, फंडिंग का स्रोत, बैंक लेनदेन, डिजिटल सबूत और गवाहों के बयान शामिल हैं। जांच एजेंसी ने चार्जशीट में यह भी उल्लेख किया है कि सज्जाद आलम PFI की आतंकी गतिविधियों से सीधे तौर पर जुड़ा था और उसका उद्देश्य भारत की अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को नुकसान पहुंचाना था।

एनआईए का व्यापक नेटवर्क पर शिकंजा

एनआईए पिछले कुछ वर्षों से पीएफआई के खिलाफ देशभर में अभियान चला रही है, जिसमें बिहार एक अहम केंद्र बनकर उभरा है। इस मामले में पहले भी कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, और अब सज्जाद आलम के खिलाफ पूरक चार्जशीट से यह साबित होता है कि पीएफआई की जड़ें अंतरराष्ट्रीय फंडिंग और आतंकी मंसूबों से जुड़ी हैं।

पटना की विशेष अदालत में सुनवाई जारी

एनआईए द्वारा दाखिल आरोप पत्र के आधार पर पटना स्थित विशेष एनआईए अदालत में अब सज्जाद आलम के खिलाफ सुनवाई होगी। यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो उसे कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है।

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