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बिहार में बढ़ते अपराध पर NDA सहयोगी LJP(R) का तीखा वार, सांसद अरुण भारती बोले- "गठबंधन धर्म ठीक, लेकिन राष्ट्रहित में धृतराष्ट्र न बनें"

बिहार में बढ़ते अपराध पर NDA सहयोगी LJP(R) का तीखा वार, सांसद अरुण भारती बोले- "गठबंधन धर्म ठीक, लेकिन राष्ट्रहित में धृतराष्ट्र न बनें"

बिहार में इन दिनों कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई नजर आ रही है। हत्या, लूट, अपहरण और गोलीबारी जैसी घटनाएं अब आम हो चली हैं। अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि राजधानी पटना से लेकर छोटे जिलों तक रोजाना आपराधिक वारदातें सामने आ रही हैं। इन हालातों को लेकर न केवल विपक्ष ने नीतीश सरकार को कठघरे में खड़ा किया है, बल्कि अब सत्ता पक्ष यानी एनडीए के सहयोगी दल भी खुलकर आलोचना कर रहे हैं।

शुक्रवार को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सांसद अरुण भारती ने सरकार की कार्यप्रणाली पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, "गठबंधन धर्म अपनी जगह है, लेकिन राष्ट्रहित और जनहित को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आप अगर अपराध के मुद्दे पर आंखें मूंद लेते हैं तो यह धृतराष्ट्र बनने जैसा है।" उनके इस बयान को एनडीए के भीतर बढ़ती असहजता और दबे हुए असंतोष की खुली अभिव्यक्ति माना जा रहा है।

क्राइम की घटनाओं ने बढ़ाई चिंता
पिछले कुछ हफ्तों में बिहार के अलग-अलग जिलों से हत्या, बलात्कार, लूट और फायरिंग की खबरें लगातार आ रही हैं। पटना में वेटरनरी कॉलेज के छात्र को गोली मारने की घटना हो या फिर ग्रामीण इलाकों में दिनदहाड़े डकैती—सभी ने आम जनता के मन में दहशत पैदा कर दी है। यही वजह है कि अब सवाल केवल विपक्ष नहीं, बल्कि सत्ता में साझेदारी कर रहे दल भी पूछने लगे हैं।

अरुण भारती का बयान क्यों है अहम?
अरुण भारती न केवल एलजेपीआर के सांसद हैं, बल्कि लोकसभा में पार्टी की मुखर आवाज भी माने जाते हैं। उनका यह बयान उस वक्त आया है जब राज्य सरकार और विशेषकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अपराध रोक पाने में विफल रहने के आरोप लग रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि "जनता ने हमें विकास, सुरक्षा और सुशासन के नाम पर वोट दिया है। अगर हम वही नहीं दे पा रहे हैं, तो गठबंधन का औचित्य क्या रह जाता है?"

विपक्ष को मिला नया हथियार
इस बयान ने विपक्ष को एक और मौका दे दिया है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "जब NDA के सहयोगी ही सरकार की विफलता उजागर कर रहे हैं, तो मुख्यमंत्री को आत्ममंथन करना चाहिए। अब सिर्फ कुर्सी बचाने की राजनीति नहीं चलेगी, जनता जवाब मांग रही है।"

भविष्य की राजनीति पर असर?
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बयान केवल असंतोष नहीं, बल्कि आने वाले समय में गठबंधन के भीतर समीकरणों में बदलाव का संकेत भी हो सकता है। अगर हालात नहीं सुधरे तो एनडीए के भीतर से और भी कड़े स्वर सुनने को मिल सकते हैं।

सरकार की ओर से प्रतिक्रिया का इंतजार
फिलहाल, बिहार सरकार की ओर से अरुण भारती के बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन इतना तय है कि यह बयान सरकार के लिए एक सियासी चेतावनी की तरह है, जिसे नजरअंदाज करना मुश्किल होगा।

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