मतदाता पुनरीक्षण पर भड़के मुकेश सहनी, चुनाव आयोग से प्रक्रिया रोकने की मांग, INDIA गठबंधन की संयुक्त प्रेस वार्ता में दिया बड़ा बयान
बिहार की सियासत में मतदाता पुनरीक्षण अभियान को लेकर घमासान तेज हो गया है। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने सोमवार को चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोलते हुए मतदाता पुनरीक्षण कार्य को तत्काल रोकने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया शिक्षा व्यवस्था को बाधित कर रही है और लोकतांत्रिक व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर रही है।
INDIA गठबंधन की प्रेस वार्ता में तीखा तेवर
मुकेश सहनी ने यह बयान INDIA गठबंधन द्वारा आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के नाम पर जो प्रक्रिया चलाई जा रही है, वह छात्रों और शिक्षकों — दोनों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
"आज बिहार के सभी स्कूलों का कामकाज ठप पड़ा है। सभी शिक्षकों को मतदाता पुनरीक्षण कार्य में लगा दिया गया है। यह शिक्षा व्यवस्था और लोकतंत्र — दोनों के खिलाफ है।"
— मुकेश सहनी, संस्थापक, वीआईपी
चुनाव आयोग से पुनर्विचार की मांग
सहनी ने चुनाव आयोग से इस पूरी प्रक्रिया पर पुनर्विचार करने की अपील करते हुए कहा कि अगर आयोग इसे रोकता नहीं है, तो INDIA गठबंधन सड़कों पर उतरकर विरोध करेगा। उन्होंने इस पूरी कवायद को “मतदाता अधिकारों से वंचित करने की साजिश” बताया।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि
"हम मतदाता सूची को साफ-सुथरा बनाने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन जिस तरह से यह कार्य किया जा रहा है, उससे लोकतांत्रिक मूल्यों को नुकसान हो रहा है।"
शिक्षकों की भूमिका पर उठाए सवाल
मुकेश सहनी ने शिक्षकों को पुनरीक्षण कार्य में लगाए जाने को अनुचित बताते हुए कहा कि
“शिक्षकों की भूमिका कक्षा तक सीमित होनी चाहिए। चुनाव आयोग द्वारा शिक्षकों को इस कार्य में झोंक देना शिक्षा के अधिकार का हनन है और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।”
विपक्षी लामबंदी का संकेत
INDIA गठबंधन पहले ही इस मुद्दे को लेकर सक्रिय है। तेजस्वी यादव, कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों के नेताओं ने भी इस अभियान को लेकर विरोध दर्ज कराया है। अब वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी की कड़ी प्रतिक्रिया से साफ है कि यह मामला आने वाले दिनों में और तूल पकड़ सकता है।

