बिहार में समय पर पहुंचा मानसून, नवादा में झमाझम बारिश से ककोलत जलप्रपात में बाढ़ जैसे हालात

बिहार के नवादा जिले में इस बार छह साल बाद मानसून समय पर पहुंचा और आते ही इसका असर भी साफ नजर आने लगा है। बुधवार से शुरू हुई बारिश ने शुक्रवार रात तक झमाझम रूप ले लिया, जिससे सड़कों पर जलभराव और गली-मोहल्लों में जलजमाव की स्थिति बन गई है। लगातार बारिश के कारण जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल ककोलत जलप्रपात में बाढ़ जैसी परिस्थिति उत्पन्न हो गई है।
लगातार बारिश से बिगड़े हालात
-
बुधवार: हल्की बारिश के साथ मौसम ने करवट ली
-
गुरुवार: सुबह 11 बजे से शाम तक लगातार तेज बारिश होती रही
-
शुक्रवार: रात भर रुक-रुक कर बारिश, जिससे पूरे जिले में नमी और भी बढ़ गई
ककोलत जलप्रपात में खतरे की घंटी
लगातार हो रही बारिश की वजह से ककोलत जलप्रपात में पानी का बहाव अत्यधिक तेज हो गया है। मोटी धार के साथ बहता झरना अब सीढ़ियों और घाटों तक पहुंच गया है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। गुरुवार को सुबह से ही पानी का बहाव तेज बना हुआ है और खतरा अब भी बरकरार है।
20 जून तक बंद पर्यटक स्थल
प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से जलप्रपात क्षेत्र को 20 जून तक आम लोगों के लिए बंद कर दिया है। पर्यटकों की आवाजाही पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है।
बुधवार रात को तीन बार ऐसी स्थिति बनी, जब झरने में जलस्तर अचानक बढ़ा और मौके पर तैनात कर्मचारियों को तुरंत कुंड खाली कराकर पर्यटकों को बाहर निकालना पड़ा।
झारखंड में बारिश का असर
जानकारों के अनुसार, झारखंड के ऊपरी इलाकों में मूसलाधार बारिश हुई है, जिसका असर नवादा के निचले इलाकों और जलप्रपातों पर दिख रहा है। ककोलत जलप्रपात झारखंड सीमा से सटा हुआ है, ऐसे में वहां की बारिश सीधे जलस्तर को प्रभावित करती है।
स्थानीय लोगों को भी परेशानी
तेज बारिश और जलभराव के चलते
-
नवादा शहर की सड़कों पर पानी भर गया
-
गलियों में चलना मुश्किल हो गया है
-
दुकानदारों और राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है
प्रशासन ने जारी किया अलर्ट
नवादा जिला प्रशासन की ओर से लोगों से अपील की गई है कि वे जलप्रपात और नदियों के किनारे न जाएं। मौके पर बचाव दल तैनात कर दिए गए हैं और स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है।