मास्टरमाइंड तौसीफ खान उर्फ बादशाह ANPR सिस्टम की मदद से गिरफ्तार, पूछताछ में किए कई अहम खुलासे
पटना के बहुचर्चित पारस अस्पताल हत्याकांड में एक बड़ा खुलासा सामने आया है। इस सनसनीखेज वारदात के मास्टरमाइंड तौसीफ खान उर्फ बादशाह को पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है। आधुनिक तकनीक ANPR (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर) सिस्टम की सहायता से पटना पुलिस ने उसे दबोच लिया। पूछताछ में उसने हत्या की पूरी साजिश और घटनाक्रम को विस्तार से स्वीकार कर लिया है।
गौरतलब है कि चंदन मिश्रा, जो पटना के कुख्यात अपराधियों में गिने जाते थे, की दिनदहाड़े पारस अस्पताल में पांच शूटरों ने घुसकर हत्या कर दी थी। यह घटना न केवल राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि अपराधियों के बेखौफ होने का भी प्रमाण देती है। इस केस में अब तक 10 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनमें 5 शूटर और दो महिलाएं शामिल हैं।
तौसीफ की गिरफ्तारी बेहद चुनौतीपूर्ण रही। वारदात को अंजाम देने के बाद वह फरार हो गया था और पुलिस को चकमा देने के लिए कोलकाता भाग गया। वहां उसने पहचान छिपाने के लिए ऑनलाइन सैलून बुकिंग कराकर बाल और दाढ़ी की स्टाइलिंग करवाई ताकि सीसीटीवी फुटेज से मेल न खा सके। लेकिन, उसका यह प्लान एक छोटी सी गलती की वजह से ध्वस्त हो गया।
पुलिस ने तौसीफ को बेउर जेल से रिमांड पर लिया और कोर्ट से उसे 72 घंटे की हिरासत में भेजा गया। पूछताछ में तौसीफ ने खुद को इस हत्याकांड का लीडर माना और बताया कि उसने ही पूरी योजना बनाई थी। पुलिस का दावा है कि हत्या सिर्फ पैसे के लिए नहीं की गई थी, बल्कि इसके पीछे आपसी दुश्मनी और अपराध की दुनिया में वर्चस्व की लड़ाई थी।
तौसीफ का नाम पहली बार अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज में सामने आया था, जहां वह बिना किसी डर के सबसे आगे चलता नजर आया था। यह फुटेज सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था और पुलिस को उसकी पहचान करने में काफी मदद मिली। ANPR सिस्टम से उसकी गाड़ी की पहचान होने के बाद पुलिस ने उसके मूवमेंट को ट्रैक किया और आखिरकार उसे गिरफ्तार कर लिया।
पटना पुलिस इस पूरे मामले को एक बड़े संगठित अपराध सिंडिकेट से जोड़कर देख रही है। सूत्रों के अनुसार, तौसीफ और उसके सहयोगियों का नेटवर्क बिहार से लेकर झारखंड और बंगाल तक फैला हुआ है। पुलिस अब अन्य सहयोगियों और इस नेटवर्क के पीछे की आर्थिक ताकतों की भी जांच कर रही है।
इस हत्याकांड के खुलासे के बाद राजधानी पटना में अपराध नियंत्रण को लेकर प्रशासन पर एक बार फिर दबाव बढ़ गया है। वहीं, आम जनता और अस्पताल प्रशासन की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं

