
बिहार का ऐतिहासिक शहर गया इन दिनों एक नए रूप में सामने आ रहा है। धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान के लिए प्रसिद्ध यह शहर अब आमजन के लिए भी मनोरंजन और सुकून का केंद्र बन गया है। शहर के कई स्थान हॉटस्पॉट बनते जा रहे हैं, जहां शाम ढलते ही लोगों की चहल-पहल बढ़ जाती है।
शाम के समय बन रहे हैं मन बहलाने का साधन
शहर के गांधी मैदान, विष्णुपद मंदिर परिसर, फल्गु नदी किनारा, दुर्गावती पार्क, सूर्य कुण्ड क्षेत्र और डोभी मोड़ जैसे स्थानों पर शाम के वक्त बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं। यहां न सिर्फ परिवारों के साथ घूमने वाले लोग पहुंचते हैं, बल्कि स्थानीय कारोबारियों और ठेला चालकों के लिए भी ये जगहें रोजगार का अहम साधन बन चुकी हैं।
स्थानीय कारोबार को भी मिल रहा बढ़ावा
शाम के समय इन स्थानों पर फास्ट फूड स्टॉल, खेल खिलौनों की दुकानें, बच्चों की झूला सवारी, गुब्बारे और आइसक्रीम विक्रेता जैसे छोटे व्यापारियों की भीड़ देखी जा सकती है। इससे न केवल इनका रोजगार चल रहा है, बल्कि शहर की स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिल रहा है।
युवाओं और बच्चों की पहली पसंद
शहर के ये हॉटस्पॉट युवाओं के लिए मिलन स्थल और बच्चों के लिए मनोरंजन का केंद्र बनते जा रहे हैं। शाम को यहां अक्सर सेल्फी लेते युवा, स्केटिंग करते बच्चे और टहलते बुजुर्ग देखे जा सकते हैं। ये स्थान अब लोगों के लिए सामाजिक जुड़ाव का माध्यम बन गए हैं।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग
स्थानीय निवासी रवि कुमार का कहना है, “गया शहर पहले धार्मिक पर्यटन के लिए जाना जाता था, लेकिन अब यहां के कई स्थानों पर लोग शाम को वक्त बिताने आने लगे हैं, जिससे शहर की रौनक बढ़ गई है।”
वहीं, एक ठेला संचालक मुकेश प्रसाद कहते हैं, “हर शाम को यहां अच्छी भीड़ हो जाती है। इससे हमारा काम भी चलता है और लोगों का मन भी बहलता है।”
प्रशासन से बेहतर सुविधाओं की मांग
स्थानीय लोगों ने शहर प्रशासन से साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है ताकि ये स्थान और भी बेहतर ढंग से विकसित हो सकें। यदि प्रशासन सहयोग करे तो गया को सांस्कृतिक और सामाजिक हॉटस्पॉट के तौर पर और अधिक संवारा जा सकता है।