सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में बड़ी कार्रवाई, ईडी ने बिहार, झारखंड, यूपी और बंगाल में मारा छापा

सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में एक साथ बड़ी छापेमारी कार्रवाई शुरू की। मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत की जा रही इस कार्रवाई में बिहार और झारखंड में कुल 11 ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया।
दानापुर में इंजीनियर के फ्लैट पर छापा
ईडी की टीम ने पटना के दानापुर क्षेत्र स्थित जेन X अपार्टमेंट के ब्लॉक सी के फ्लैट नंबर 607 में छापा मारा, जो इंजीनियर सिकंदर प्रसाद यदुवंशी का है। छापेमारी के दौरान वहां से महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए गए हैं। इसके बाद फ्लैट को सील कर दिया गया है।
डॉक्टर शिव और यादवेंद्र पर भी शिकंजा
पटना में ही डॉ. शिव नामक एक आरोपी के ठिकाने पर ईडी ने दबिश दी है। वहीं झारखंड की राजधानी रांची में सिकंदर प्रसाद यादवेंद्र के आवास पर छापा मारा गया। इन दोनों पर पेपर लीक घोटाले से सीधे तौर पर जुड़े होने का आरोप है। जांच एजेंसी को शक है कि इन्होंने परीक्षा से पहले ही मोटी रकम लेकर प्रश्नपत्र लीक किए और इसे कई उम्मीदवारों तक पहुंचाया।
मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच
ईडी की कार्रवाई का केंद्र पेपर लीक से जुड़े पैसों का लेनदेन और मनी ट्रेल है। एजेंसी यह पता लगाने में जुटी है कि कितनी राशि उम्मीदवारों से वसूली गई, और उसका इस्तेमाल या निवेश कहां किया गया। बताया जा रहा है कि कुछ आरोपी शिक्षा और कोचिंग सेक्टर से भी जुड़े हुए हैं।
राज्यभर में हड़कंप
ईडी की छापेमारी की खबर फैलते ही बिहार, झारखंड और यूपी के शिक्षा व कोचिंग संस्थानों में हड़कंप मच गया। पेपर लीक से संबंधित इस घोटाले ने बड़ी संख्या में प्रतियोगी छात्रों के भविष्य को प्रभावित किया है और इस मामले में पहले भी कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
क्या है सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामला?
बिहार पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा इस साल मार्च 2024 में आयोजित की गई थी। परीक्षा से पहले ही प्रश्नपत्र लीक होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद परीक्षा रद्द कर दी गई थी। इस मामले में राज्य पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था। अब ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू करते हुए यह कार्रवाई की है।
आगे की कार्रवाई जारी
ईडी अधिकारियों के मुताबिक,
“पेपर लीक से अर्जित अवैध आय की जांच प्राथमिकता पर है। छापेमारी के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर आगे की कड़ियां जोड़ी जा रही हैं।”
सूत्रों का कहना है कि जल्द ही कई और लोगों को समन जारी किया जा सकता है, जिनकी भूमिका संदिग्ध पाई जा रही है।