
बिहार के बक्सर जिले में पुलिस विभाग की लापरवाही और अनुशासनहीनता को लेकर बड़ी कार्रवाई की गई है। बक्सर के पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य ने कार्य में लापरवाही बरतने वाले करीब 100 पुलिसकर्मियों का वेतन रोकने का आदेश जारी किया है। इस कार्रवाई से जिलेभर के पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।
आरोप: समय पर नहीं दायर किए आरोप पत्र और रिपोर्ट
पुलिस अधीक्षक के आदेश के अनुसार, जनवरी 2025 से मार्च 2025 के बीच दर्ज मामलों में इन पुलिसकर्मियों ने न तो समय पर चार्जशीट दाखिल की, और न ही किसी भी मामले में अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की। यह लापरवाही न केवल जांच प्रक्रिया को प्रभावित करती है, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया में भी बाधा उत्पन्न करती है।
औद्योगिक थाना प्रभारी पर भी गिरी गाज
इस कार्रवाई की चपेट में औद्योगिक थाना प्रभारी भी आए हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, थाना स्तर पर कागजी कार्यवाही और विवेचना में लापरवाही लगातार सामने आ रही थी, जिसकी गहन समीक्षा के बाद यह सख्त कदम उठाया गया।
एसपी ने जताई नाराजगी
पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि, "कानून-व्यवस्था बनाए रखने और न्याय की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस की समयबद्ध कार्रवाई बेहद जरूरी है। आरोप पत्र दाखिल न करने जैसी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
उन्होंने आगे कहा कि अनुशासनहीनता पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जा रही है और आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी।
क्यों है ये मामला अहम?
चार्जशीट या अंतिम रिपोर्ट समय पर दाखिल नहीं करने से आरोपी जमानत पर छूट सकते हैं या मामलों में न्याय मिलने में देरी हो सकती है। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठते हैं और पीड़ितों का न्याय प्रणाली से भरोसा उठ सकता है।
विभागीय समीक्षा जारी
बक्सर जिला पुलिस की ओर से सभी थानों में लंबित मामलों की सूची तैयार की जा रही है। जिन पुलिस अधिकारियों और कर्मियों पर चार्जशीट दाखिल न करने का दोष सिद्ध होगा, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ-साथ आवश्यक विभागीय जांच भी की जाएगी।
संदेश साफ: लापरवाही बर्दाश्त नहीं
इस कार्रवाई से स्पष्ट हो गया है कि बक्सर पुलिस अधीक्षक विभागीय कार्य में कोताही बरतने वालों पर किसी तरह की रियायत देने के मूड में नहीं हैं। यह फैसला जिले के अन्य पुलिसकर्मियों के लिए भी एक सख्त चेतावनी माना जा रहा है।